
पाकिस्तान सरकार ने अपने देश में रह रहे अवैध अफगान नागरिकों को उनके मूल देश वापस भेजने का अभियान और तेज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के अनुसार, 31 मार्च 2025 की निर्धारित समयसीमा के बाद से अब तक 8,000 से अधिक अफगानी नागरिकों को पाकिस्तान से बाहर निकाला जा चुका है।
31 मार्च को खत्म हुई थी स्वैच्छिक वापसी की समयसीमा
यह कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब पाकिस्तान में रह रहे ‘अफगान सिटीजन कार्ड’ (ACC) धारकों के लिए स्वैच्छिक वापसी की समयसीमा 31 मार्च को समाप्त हो गई। इसके बाद पाकिस्तान ने देशभर में अफगान नागरिकों की पहचान और निष्कासन की प्रक्रिया में तेजी लाई है।
1 अप्रैल से अब तक 8,115 अफगानियों की वापसी
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 1 अप्रैल से लेकर अब तक लगभग 8,115 अफगान नागरिकों को तोरखम बॉर्डर के जरिए उनके देश भेजा गया है। इनमें से अधिकांश को पंजाब प्रांत से हिरासत में लिया गया था। पंजाब सरकार ने अकेले अब तक 5,000 से अधिक अफगानी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिन्हें जल्द ही डिपोर्ट किया जाएगा।
100,000 से अधिक अवैध अफगानी नागरिकों की पहचान
अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में करीब एक लाख अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों की पहचान की जा चुकी है। यह आंकड़ा केवल एक प्रांत का है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देशभर में कितने अफगानी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं।
निष्कासन का दूसरा चरण जारी
यह पाकिस्तान द्वारा अवैध प्रवासियों पर की जा रही कार्रवाई का दूसरा चरण है। पहले चरण में, जो कि सितंबर 2023 में शुरू हुआ, तब से लेकर अब तक 800,000 से अधिक अफगान नागरिकों को पाकिस्तान से वापस भेजा जा चुका है।
इतिहास और वर्तमान का टकराव
गौरतलब है कि 1980 के दशक में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर हमला किया था, तब लाखों अफगानी नागरिक जान बचाकर पाकिस्तान में शरण लेने आए थे। लेकिन अब पाकिस्तान सरकार का रुख बदल चुका है और वह अपने देश में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।