
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को नहीं छोड़ता, तो उसके खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की अगुवाई इजराइल करेगा। यह बयान ट्रंप ने उस समय दिया जब ओमान में अमेरिका और ईरान के अधिकारियों के बीच होने वाली बातचीत से पहले राजनयिक प्रयास तेज हो रहे हैं।
परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका की सख्त चेतावनी
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका की ओर से की जाने वाली कोई भी सैन्य कार्रवाई जरूरत पड़ने पर की जाएगी और इसमें इजराइल की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका किसी के दबाव में नहीं आता और वही करता है जो उसके हित में हो।
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि ईरान इस समय पहले की तुलना में हथियार निर्माण के काफी करीब है, जिससे अमेरिका की चिंता और बढ़ गई है। हालांकि, उन्होंने बातचीत के लिए किसी समयसीमा का जिक्र नहीं किया।
ईरान के राष्ट्रपति का जवाब, बोले- हम परमाणु बम नहीं बना रहे
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इस वार्ता से पहले बुधवार को स्पष्ट किया कि ईरान परमाणु बम नहीं बना रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका के साथ कोई समझौता होता है तो ईरान को उसके देश में अमेरिकी निवेश से कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने अपने भाषण में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का भी उल्लेख करते हुए कहा कि देश में विदेशी निवेश, विशेष रूप से अमेरिकी निवेश, का स्वागत किया जाएगा। पेजेशकियन की ये बातें 2015 के उस परमाणु समझौते के मुकाबले एक बदला हुआ रुख दिखाती हैं जिसमें ईरान ने अमेरिकी विमानों की खरीद का आग्रह तो किया था, लेकिन अमेरिकी कंपनियों को देश में काम करने से रोक दिया था।
ओमान में वार्ता अप्रत्यक्ष रूप से होगी
पेजेशकियन ने यह भी जानकारी दी कि शनिवार को ओमान में होने वाली बातचीत अप्रत्यक्ष रूप से होगी। इसमें ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरघची और अमेरिका के पश्चिम एशिया मामलों के दूत स्टीव विटकॉफ भाग लेंगे। ट्रंप ने हालांकि इसे प्रत्यक्ष बातचीत बताया है, और ईरान ने भी इसका खंडन नहीं किया।
पेजेशकियन ने अपने संबोधन में कहा, “हम परमाणु बम नहीं बना रहे हैं। आप (पश्चिमी देश) पहले ही सौ बार इसका सत्यापन कर चुके हैं, चाहें तो हजार बार और कर लें।”
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