
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हमेशा से पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय रही है। लेकिन हाल ही में अमेरिका से आई एक अहम टिप्पणी ने पाकिस्तान में चर्चा को और भी तेज कर दिया है। अब पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर यह बहस छिड़ गई है कि क्या भारत अब गरीब देशों की मदद करने लायक “अमीर देश” बन चुका है, और क्या पाकिस्तान को इससे कोई राहत मिल सकती है।
अमेरिकी बयान से पाकिस्तान में हलचल
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में एक बयान में कहा,”अमेरिका मानवीय संकट में मदद करने के लिए तैयार है, लेकिन अब अन्य देशों को भी आगे आना चाहिए। चीन एक समृद्ध देश है, और भारत भी अब एक अमीर देश बन चुका है।”
इस बयान ने पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छेड़ दी है। खासकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, जिन्होंने भारत को पीछे छोड़ने का संकल्प लिया था, अब असहज स्थिति में नजर आ रहे हैं।
एक साथ आज़ाद हुए दो देश, पर मंज़िलें अलग
भारत और पाकिस्तान दोनों 1947 में स्वतंत्र हुए थे, लेकिन विकास की राह में दोनों देशों के बीच अब गहरी खाई बन चुकी है। भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से अधिक है। वहीं पाकिस्तान का फॉरेन रिजर्व महज 3 अरब डॉलर के आसपास है।
पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर छिड़ी चर्चा
एक वायरल वीडियो में एक पाकिस्तानी नागरिक कहता है,”भारत के उद्योगपतियों के पास बहुत संसाधन हैं। मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 120 अरब डॉलर है। वहां लोग बड़े स्तर पर मदद कर सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा कोई नहीं है जो ऐसी पहल कर सके।”
एक अन्य पाकिस्तानी व्यवसायी अपनी सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहता है,”भारत और चीन की सरकारें अपने नागरिकों और कारोबारियों का साथ देती हैं। लेकिन हमारी सरकार तो हमें बिजली और गैस तक सस्ती नहीं दे रही। हमें कोई राहत नहीं मिल रही।”
भारत की वैश्विक भूमिका से प्रभावित पाकिस्तानी नागरिक
भारत का दुनिया भर में मानवीय संकट के समय पर आगे आना भी पाकिस्तानियों को सोचने पर मजबूर कर रहा है।
- तुर्की में भूकंप
- म्यांमार में भूकंप
- नेपाल में जलजला
- श्रीलंका में आर्थिक संकट
इन सभी मौकों पर भारत ने त्वरित सहायता दी, जबकि पाकिस्तान खुद मदद मांगने की स्थिति में ही रहा।
पाकिस्तान की उम्मीद: भारत करेगा मदद?
चीन के भरोसे जिंदा पाकिस्तान अब नए मददगार की तलाश में है। सोशल मीडिया पर अब यह भी कहा जा रहा है कि अगर भारत अब “अमीर देश” बन चुका है, तो उसे गरीब पड़ोसी की मदद करनी चाहिए। भारत की आर्थिक स्थिति को देखकर पाकिस्तान में यह भी कहा जा रहा है कि “अगर भारत जैसे देश से थोड़ा सहयोग मिल जाए तो पाकिस्तान की मुश्किलें कम हो सकती हैं।”
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