सोशल मीडिया दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है, लेकिन अमेरिका में विदेशी छात्रों को इसका उपयोग करने में कठिनाई हो रही है। अमेरिकी विदेश विभाग (डीओएस) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों के छात्र वीजा रद्द कर रहा है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अगर कोई छात्र किसी पोस्ट को लाइक या शेयर करता है या उस पर टिप्पणी भी करता है तो उसे राजनीतिक गतिविधि मानते हुए उसका वीजा रद्द कर दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई के कारण निर्वासन में वृद्धि हुई है। लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उचित प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं। अमेरिकी सरकार परिसर में हो रही गतिविधियों पर नजर रख रही है। सोशल मीडिया पर सरकारी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले छात्रों की पहचान की जा रही है। यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसे सीधे निर्वासित किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि सरकार विदेशी छात्रों की पहचान कैसे कर रही है और उन्हें कैसे निर्वासित कर रही है।
दरअसल, विदेश मंत्रालय ने सैकड़ों छात्रों को ईमेल भेजकर उनसे देश छोड़ने को कहा है। कुछ भारतीय छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि केवल कैंपस में प्रदर्शन कर रहे छात्र ही कार्रवाई का सामना नहीं कर रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक सक्रियता भी उनके लिए परेशानी खड़ी कर रही है। आज विदेश मंत्रालय ने वीज़ा निगरानी प्रक्रिया के लिए एआई-आधारित सोशल मीडिया समीक्षा शुरू की है। छात्र वीजा प्रदान करने से पहले छात्रों के प्रोफाइल को एआई के माध्यम से स्कैन किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति की प्रोफ़ाइल में कुछ संदिग्ध पाया जाता है, तो उसे वीज़ा नहीं दिया जाएगा।
आपको बता दें कि 2023-24 में अमेरिका में 1.1 मिलियन विदेशी छात्र थे, जिनमें से 3,31,000 भारत से यहां पढ़ने आए थे। इस बीच, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने देश में विदेशी छात्रों पर नजर रखने के लिए ‘कैच एंड रिवोक’ नामक कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके तहत पिछले तीन सप्ताह में 300 से अधिक छात्रों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के संदिग्ध अधिकांश लोगों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की भी जांच की जा रही है और फिर यदि कोई संदिग्ध पोस्ट पाया जाता है या छात्र राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनका वीजा रद्द कर दिया जा रहा है।
यदि वीज़ा रद्द हो जाए तो क्या होगा?
विदेश मंत्रालय का वीज़ा रद्दीकरण नोटिस बहुत सरल और सीधा है। छात्रों को बताया गया है कि उनके वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं। यदि वे बिना वीज़ा के रुकते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। भविष्य में उन्हें जुर्माना और वीज़ा प्राप्त करने में कठिनाई का भी सामना करना पड़ सकता है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि छात्रों को देश छोड़ने से पहले अपना पासपोर्ट अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में जमा कर देना चाहिए ताकि वीजा रद्द किया जा सके।
इसके साथ ही विदेश मंत्री रुबियो ने यह भी कहा है कि दूतावास के अधिकारियों को सभी वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया की जांच करनी चाहिए। यदि कोई आपत्तिजनक जानकारी मिलती है, तो अधिकारियों को उसका स्क्रीनशॉट ले लेना चाहिए, ताकि आवेदक बाद में अपना ऑनलाइन इतिहास न बदल सकें। यदि कुछ भी गलत नहीं पाया गया तो अधिकारियों को यह लिखकर देना होगा कि उन्होंने समीक्षा की है।