
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के 60 देशों से आयात किए जाने वाले सामान पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। यह नई नीति 9 अप्रैल से लागू होगी। ट्रंप के इस फैसले से वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी हलचल मच गई है। टैरिफ की घोषणा के बाद अमेरिका का शेयर बाजार बुरी तरह लड़खड़ा गया, और यह जून 2020 के बाद की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट बताई जा रही है।
S&P 500 कंपनियों के कुल मार्केट कैप में 2.4 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट आई है, जो इस निर्णय की गंभीरता को दर्शाता है।
बाजार में जबरदस्त बिकवाली का माहौल
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डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज गुरुवार को 1400 अंक (3.3%) गिर गया
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S&P 500 में 4% की गिरावट
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नैस्डैक कंपोजिट में 5.1% की भारी गिरावट दर्ज की गई
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रसेल 2000 सूचकांक में 5.9% की गिरावट आई, जो इसे अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 20% नीचे ले गया
यह स्थिति मार्च 2020 की कोविड मंदी के बाद सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
निवेशकों में गहरी चिंता
ट्रंप प्रशासन ने अधिकांश उत्पादों पर 10% का ‘बेसलाइन टैरिफ’ लगाने की घोषणा की है।
इससे वे कंपनियां प्रभावित होंगी जो विदेश से सामान आयात करके अमेरिका में बेचती हैं।
टैरिफ से प्रभावित होने वाले देशों में शामिल हैं:
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यूनाइटेड किंगडम
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सिंगापुर
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ब्राजील
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ऑस्ट्रेलिया
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न्यूजीलैंड
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तुर्की
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कोलंबिया
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अर्जेंटीना
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अल साल्वाडोर
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संयुक्त अरब अमीरात
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सऊदी अरब
इससे महंगाई बढ़ने और आर्थिक विकास धीमा पड़ने का खतरा बढ़ गया है। टैरिफ की घोषणा का असर न केवल अमेरिका बल्कि यूरोप और एशिया के शेयर बाजारों पर भी पड़ा है।
क्रूड ऑयल, टेक्नोलॉजी स्टॉक्स और सोने से जुड़े निवेशों में भी गिरावट देखी गई है।
महंगाई और मंदी का खतरा
ट्रंप के नए टैरिफ के दायरे में चीन और यूरोपीय संघ जैसे बड़े व्यापारिक साझेदार भी शामिल हैं।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि:
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इस साल अमेरिकी आर्थिक विकास दर 2 प्रतिशत तक घट सकती है
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महंगाई दर फिर से 5% के करीब पहुंच सकती है
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यह स्थिति अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जा सकती है
विशेषज्ञों की राय
थॉर्नबर्ग इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के पोर्टफोलियो मैनेजर शॉन सन का कहना है: “बाजार अभी इस बात को पूरी तरह समझ नहीं पाया है कि ट्रंप के नए टैरिफ का असर कितना व्यापक हो सकता है। अगर ये दरें लागू होती हैं, तो दुनिया भर में उपभोक्ता कम खरीदारी करेंगे और व्यापार धीमा पड़ेगा।”
फेडरल रिजर्व (Fed) की स्थिति भी जटिल हो गई है:
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अगर ब्याज दरें घटाता है, तो महंगाई बढ़ने का खतरा
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अगर दरें नहीं घटाता, तो आर्थिक सुस्ती बनी रह सकती है
बुधवार को 10 साल के अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड 4.20% से घटकर 4.04% पर आ गई, जो बाजार की चिंता को दर्शाता है।
एयरलाइंस और रिटेल सेक्टर को झटका
गुरुवार को कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में गंभीर गिरावट देखी गई:
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Best Buy के शेयर 15.2% गिरे
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United Airlines को 12.3% का नुकसान
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Target के शेयरों में 10.3% की गिरावट
खुदरा और विमानन क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं क्योंकि टैरिफ के चलते लोगों की खर्च करने की क्षमता घट सकती है।
ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक बाजारों में हलचल, भारत सहित कई देशों में असर