कुणाल कामरा पर विवाद: एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष के बाद बढ़ा तनाव

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स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए एक पैरोडी गाना गाया था, जिसके बाद विवाद गहरा गया। शिवसेना के कुछ समर्थकों की ओर से उन्हें धमकियां मिलने का दावा भी किया जा रहा है। हालांकि, कामरा ने इन धमकियों के बावजूद अपने बयान से पीछे हटने से इनकार कर दिया है।

कुणाल कामरा को मिल रही धमकियां

कुणाल कामरा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जब से उनकी क्लिप वायरल हुई है, तब से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा,
“अब तक मुझे 500 से ज्यादा कॉल आ चुकी हैं, जिनमें मुझे जान से मारने और टुकड़े करने की धमकी दी जा रही है। ये सभी कॉल शिवसेना के लोगों की ओर से आ रहे हैं, लेकिन बीजेपी समर्थकों की ओर से अब तक कोई कॉल नहीं आया। इससे साफ है कि शायद बीजेपी के लोग भी एकनाथ शिंदे को पसंद नहीं करते, जबकि वे उनके सत्ता सहयोगी हैं।”

पैरोडी गाने से भड़के शिवसैनिक

दरअसल, कुणाल कामरा ने फिल्म दिल तो पागल है के लोकप्रिय गाने भोली सी सूरत की पैरोडी बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इस पैरोडी में उन्होंने सीधे-सीधे एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन दाढ़ी, ठाणे और रिक्शा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे यह साफ था कि उनका इशारा शिंदे की ओर ही है।

यह पैरोडी गाना शिवसैनिकों तक पहुंचा, तो वे नाराज हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। कई शिवसैनिकों ने इसे गद्दारी कहकर विरोध जताया, क्योंकि 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी, तब शिवसेना (उद्धव गुट) ने उन्हें गद्दार करार दिया था। इस पूरे विवाद के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल बढ़ गई है।

मुंबई में विरोध प्रदर्शन और हिंसा

मुंबई के खार इलाके में स्थित हैबिटैट कॉमेडी क्लब में कुणाल कामरा ने यह कार्यक्रम किया था, जहां उन्होंने एकनाथ शिंदे पर पैरोडी गाना पेश किया। जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो शिवसैनिक उग्र हो गए। इसके बाद कई शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कॉमेडी क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कुछ कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो में तोड़फोड़ भी कर दी। इस मामले में पुलिस ने शिवसेना के समर्थक राहुल कनल समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।

एकनाथ शिंदे का बयान

इस पूरे विवाद पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“हर चीज़ की एक सीमा होती है, और सभी को उस मर्यादा का पालन करना चाहिए।”

शिंदे समर्थकों का कहना है कि कुणाल कामरा के बयान और गाने का उपयोग उद्धव गुट राजनीतिक फायदे के लिए कर रहा है। वहीं, उद्धव गुट का तर्क है कि कुणाल कामरा ने कुछ भी गलत नहीं कहा, बल्कि सिर्फ अपनी राय जाहिर की है।

राजनीति और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर बहस

इस विवाद ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक सहिष्णुता की बहस को जन्म दिया है। क्या एक कॉमेडियन को नेताओं पर कटाक्ष करने की आज़ादी होनी चाहिए, या फिर ऐसी टिप्पणियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए? यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है।