30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, और इसी के साथ नव संवत्सर 2082 ‘सिद्धार्थी’ का आरंभ होगा। इस संवत्सर में राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य हैं, जिससे वर्षभर देश के लिए सकारात्मक और शुभ परिस्थितियां बनेंगी।
देवी दुर्गा का शुभ वाहन: हाथी पर आगमन
इस बार नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। देवी भागवत के अनुसार, देवी दुर्गा का वाहन शेर है, लेकिन नवरात्रि में उनका आगमन अलग-अलग वाहनों पर होता है, जो आने वाले समय के संकेत देते हैं।
देवी के आगमन का प्रभाव (वाहन के अनुसार)
श्लोक संदर्भ:
“शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता॥”
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हाथी (रविवार या सोमवार को नवरात्रि आरंभ) – शुभ संकेत, भरपूर वर्षा, समृद्धि और शांति।
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घोड़ा (शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि आरंभ) – सत्ता परिवर्तन या युद्ध का संकेत, सत्ता पक्ष के लिए कठिन समय।
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पालकी (गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि आरंभ) – महामारी, प्राकृतिक आपदा और जन हानि का संकेत।
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नाव (बुधवार को नवरात्रि आरंभ) – समृद्धि, अच्छी फसल और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति।
देवी दुर्गा की विदाई (दशमी के दिन के अनुसार प्रभाव)
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भैंसा (रविवार या सोमवार को दशमी) – अशुभ, रोग और शोककारक स्थितियां।
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मुर्गा (शनिवार या मंगलवार को दशमी) – दुख और कष्टों में वृद्धि।
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हाथी (बुधवार या शुक्रवार को दशमी) – शुभ संकेत, अच्छे कार्यों का फल प्राप्त होगा।
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मनुष्य (गुरुवार को दशमी) – सुख-शांति और संपन्नता का प्रतीक।
विशेष: यह वर्ष आठ दिन का नवरात्रि
इस बार नवरात्रि आठ दिनों की होगी, क्योंकि तृतीया तिथि का क्षय हो रहा है, जिससे दूसरा और तीसरा नवरात्र एक ही दिन पड़ेगा।