दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप, वकीलों ने महाभियोग की मांग की

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दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग की है। सोमवार को बार एसोसिएशन की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वकीलों का विरोध – ट्रांसफर नहीं, महाभियोग हो

बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाने के सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के प्रस्ताव का भी विरोध किया। एसोसिएशन ने कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट भ्रष्ट जजों को फेंकने की जगह नहीं है।”

बार एसोसिएशन की मांग है कि:

  • जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जाए।

  • उन पर FIR दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

  • CBI और ED द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाए।

  • उनकी न्यायिक जिम्मेदारियों को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।

क्या है मामला?

पिछले सप्ताह जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के बाद दमकल विभाग वहां पहुंचा था। इसके बाद दावा किया गया कि घर में बड़ी मात्रा में नकदी पाई गई। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ साजिश है।

22 मार्च को, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने इस मामले में ‘इन-हाउस इंक्वायरी’ के आदेश दिए। लेकिन बार एसोसिएशन का कहना है कि जज की जांच खुद जजों द्वारा नहीं की जानी चाहिए। उनका आरोप है कि यह जांच वर्मा को बचाने के लिए ना हो।

CJI का निर्देश – कोई न्यायिक जिम्मेदारी नहीं

इस विवाद के बीच, सीजेआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक जिम्मेदारी न दी जाए, जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता। हालांकि, 24 मार्च को जारी कोर्ट रोस्टर में उनका नाम था, क्योंकि यह सूची 17 मार्च को तैयार की गई थी।

लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा – बार एसोसिएशन

बार एसोसिएशन का कहना है कि यह दिल्ली हाई कोर्ट के मौजूदा जज से जुड़ा मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। वकीलों के मुताबिक, अगर जस्टिस वर्मा अपने पद पर बने रहते हैं, तो यह लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा होगा।

अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट और सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं और क्या वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू होती है या नहीं।