सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई और राज्य के महाधिवक्ता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सरकार के वकील अदालत में उपस्थित रहें। शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार के वकीलों की लगातार अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और कहा कि नोटिस जारी होने के बावजूद राज्य के पैनल वकील पेश नहीं हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रोज़ का ड्रामा बन गया है।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और अरविंद कुमार की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब वे पंजाब सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 10 अगस्त 2022 को शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने कहा, “पंजाब के एडवोकेट जनरल साहब, हमने पहले भी आपको एक मामले में बुलाया था। आपके राज्य में सुप्रीम कोर्ट में सरकार के वकील नोटिस के बावजूद पेश नहीं हो रहे। हमने पहले ही दो आदेशों में इस पर टिप्पणी की है। यह रोज़ का ड्रामा बन गया है। पंजाब सरकार का मतलब ‘अनुपस्थित’ हो गया है। यह सिर्फ़ आपराधिक मामलों तक सीमित नहीं है, बल्कि सिविल मामलों में भी यही हो रहा है। कोई भी पेश नहीं हो रहा।”
महाधिवक्ता ने मांगी माफी, सरकार ने मांगा समय
जब पंजाब सरकार ने और समय मांगा, तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान, पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने अदालत से माफी मांगी और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी।
ड्रग्स केस में मजीठिया की पेशी
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही बिक्रम सिंह मजीठिया को विशेष जांच दल (SIT) मुख्यालय, पटियाला में पेश होने का निर्देश दे चुका था। SIT उनके खिलाफ ड्रग्स मामले की जांच कर रही है। पंजाब सरकार ने अदालत में आरोप लगाया था कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
हाईकोर्ट के फैसले पर नजर
बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को राजनीतिक साजिश बताया था और अदालत से पूछताछ की तारीखें तय करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि “ऐसा कोई ठोस आधार नहीं है जिससे यह माना जाए कि वे इस अपराध के दोषी हैं”, हालांकि यह टिप्पणी सिर्फ जमानत याचिका के संदर्भ में थी। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को स्वतंत्र रूप से कार्यवाही करने का निर्देश दिया था।
2018 की STF रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ मामला
बिक्रम सिंह मजीठिया को इस मामले में पटियाला जेल में पांच महीने से अधिक समय तक रहना पड़ा था। मजीठिया शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के बहनोई और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं। उनके खिलाफ मामला 2018 में गठित एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। यह रिपोर्ट ड्रग रैकेट से जुड़े आरोपियों—जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख—द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिए गए कबूलनामों पर आधारित थी।