सुशांत सिंह राजपूत केस: पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बोले- ‘मुंबई पुलिस की जांच से जनता में संदेह पैदा हुआ’

Sushant singh rajput and guptesh

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद, बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने इस केस को लेकर मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस की जांच को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा हुआ। हालांकि, उन्होंने CBI की क्लोजर रिपोर्ट पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह एक पेशेवर एजेंसी है, जो सबूतों के आधार पर निर्णय लेती है।

‘मैंने कभी नहीं कहा कि सुशांत की हत्या हुई थी’ – गुप्तेश्वर पांडे

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने साफ किया कि उन्होंने कभी यह दावा नहीं किया कि सुशांत की हत्या हुई थी।

  • उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ इतना कहा था कि उनकी मौत संदिग्ध है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।”

  • उन्होंने मुंबई पुलिस पर बिहार पुलिस टीम के साथ सहयोग न करने का आरोप लगाया।

  • बिहार से भेजे गए आईपीएस अधिकारी को जबरन क्वारंटीन किया गया, जिससे उनकी टीम को ठीक से जांच करने का मौका नहीं मिला।

‘मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस को जांच करने नहीं दी’

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि मुंबई पुलिस का रवैया संदिग्ध था।

  • “जब सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर आई, तो मामला 20 दिनों में ठंडा पड़ गया।”

  • “20 दिन बाद, सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई और जांच के लिए बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई भेजी गई।”

  • “लेकिन महाराष्ट्र पुलिस ने सहयोग नहीं किया।”

  • “जब मैंने बेहतर समन्वय के लिए एक आईपीएस अधिकारी को भेजा, तो उसे क्वारंटीन कर दिया गया।”

उन्होंने यह भी कहा,
“मुंबई पुलिस ने अगर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सही तरीके से जनता को जवाब दिए होते, तो उनके खिलाफ लोगों में संदेह नहीं पैदा होता और उनकी बदनामी नहीं होती।”

‘CBI को सभी सबूत नहीं मिले या कुछ नष्ट कर दिए गए’

CBI की जांच को लेकर गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि संभावना है कि एजेंसी को सारे सबूत नहीं मिले होंगे या कुछ सबूत पहले ही नष्ट कर दिए गए होंगे।

  • “सीबीआई ने इस केस की जांच की, लेकिन मेरी टीम को मौका ही नहीं दिया गया।”

  • “बिहार पुलिस की टीम को 5 दिन बाद वापस भेज दिया गया, और भेजे गए आईपीएस अधिकारी को 10 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया गया।”

  • “संभव है कि कुछ महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए हों, जिससे CBI को ठोस निष्कर्ष पर पहुंचने में दिक्कत हुई।”

उन्होंने कहा कि वे CBI की रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि यह एक पेशेवर एजेंसी है।

“अगर CBI को कोई ठोस सबूत नहीं मिला, तो वह और क्या कर सकती थी?” – गुप्तेश्वर पांडे

क्या CBI की क्लोजर रिपोर्ट से खत्म हो गया मामला?

CBI द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद भी, सुशांत की मौत से जुड़े कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं।

  • मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठते रहे हैं।

  • बिहार पुलिस को जांच में शामिल क्यों नहीं होने दिया गया?

  • क्या CBI को इस केस में सारे सबूत मिले या कुछ नष्ट किए गए?

हालांकि, CBI की रिपोर्ट के बाद इस मामले को औपचारिक रूप से बंद किया जा सकता है, लेकिन सुशांत के फैंस और परिवार अब भी न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।