सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। हालांकि, इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए दिशा सालियान के पिता के वकील निलेश सी. ओझा ने कहा कि यह रिपोर्ट कानून की नजर में कोई मायने नहीं रखती। उन्होंने दावा किया कि अदालत अब भी इस मामले को संज्ञान में लेकर आगे की जांच के आदेश दे सकती है।
“किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई” – वकील निलेश ओझा
वकील निलेश ओझा ने कहा,
“लोग झूठी बातें फैला रहे हैं कि क्लोजर रिपोर्ट के साथ सभी को क्लीन चिट मिल गई है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। अदालत अब भी इस मामले को फिर से खोल सकती है, गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकती है, या आगे की जांच के आदेश दे सकती है, जैसा कि आरुषि तलवार हत्याकांड में हुआ था।”
दिशा सालियान केस: फिर से जांच और आदित्य ठाकरे से पूछताछ की मांग
निलेश ओझा, जो दिशा सालियान के पिता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनकी बेटी की मौत की फिर से जांच कराने की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने उद्धव ठाकरे के गुट (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे से पूछताछ की भी मांग की है। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 2 अप्रैल 2024 तय की गई है।
क्या है सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की मौत का मामला?
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दिशा सालियान 8 जून 2020 को मुंबई में एक इमारत से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं।
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इसके 6 दिन बाद, 14 जून 2020, को सुशांत सिंह राजपूत अपने बांद्रा स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे।
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इन दोनों मौतों ने देशभर में बड़े विवाद को जन्म दिया और बाद में जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई।
CBI की क्लोजर रिपोर्ट: क्या कहा गया?
सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े दो मामलों में अलग-अलग क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है:
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पहला मामला – सुशांत के पिता के.के. सिंह द्वारा दर्ज कराया गया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया गया।
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दूसरा मामला – यह रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत की बहनों के खिलाफ दर्ज कराया गया था, जिसमें उन्होंने उन्हें गलत दवाएं देने का आरोप लगाया था।
सीबीआई ने पटना की विशेष अदालत के समक्ष सुशांत के पिता द्वारा दायर मामले में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी, जबकि मुंबई की विशेष अदालत में रिया चक्रवर्ती द्वारा दायर मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
रिया चक्रवर्ती के वकील की प्रतिक्रिया
रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का स्वागत किया। उन्होंने कहा,
“हम सीबीआई का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हर पहलू की गहन जांच की और इस केस को हर कोण से देखा।”
क्या अदालत फिर से जांच के आदेश दे सकती है?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार,
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क्लोजर रिपोर्ट का मतलब मामले का अंत नहीं होता।
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अगर अदालत को लगता है कि जांच अधूरी है, तो वह फिर से मामले को खोलने और आगे की जांच का आदेश दे सकती है।
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इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि दिशा सालियान के परिवार ने उनकी मौत की नए सिरे से जांच की मांग की है।