अमेरिका में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा फैसला: ट्रंप ने फेडरल शिक्षा विभाग को खत्म करने के आदेश पर किए हस्ताक्षर

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बेहद विवादास्पद लेकिन ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उस आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य अमेरिकी शिक्षा विभाग को हमेशा के लिए समाप्त करना है। इस निर्णय के पीछे दशकों से चले आ रहे दक्षिणपंथी विचारधारा की वह सोच है, जो यह मानती है कि शिक्षा का नियंत्रण फेडरल सरकार के पास नहीं, बल्कि राज्यों के पास होना चाहिए।

व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में आयोजित एक खास समारोह में, ट्रंप ने स्कूली बच्चों के बीच बैठकर आदेश पर हस्ताक्षर किए और इसे मुस्कुराते हुए आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, “हम शिक्षा को वहां वापस ले जा रहे हैं जहां इसकी असल में जगह है—राज्य सरकारों के पास। फेडरल शिक्षा विभाग ने हमें कोई फायदा नहीं पहुंचाया। अब इसे बंद करने का समय है।”

1979 में बनी थी शिक्षा विभाग, अब खत्म करने की योजना

गौरतलब है कि अमेरिकी शिक्षा विभाग की स्थापना 1979 में कांग्रेस के एक अधिनियम के तहत हुई थी, और इसे समाप्त करना केवल राष्ट्रपति के आदेश से संभव नहीं है। इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी अनिवार्य है। हालांकि ट्रंप का यह आदेश विभाग की फंडिंग रोकने और कर्मचारियों की सैलरी बंद करने जैसे उपायों को शामिल कर सकता है, जिससे विभाग स्वतः निष्क्रिय हो जाए।

इस दिशा में आदेश देने के साथ ही ट्रंप ने शिक्षा सचिव लिंडा मैकमोहन को निर्देश दिया है कि वे शिक्षा विभाग को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करें और आवश्यक शक्तियों को राज्यों को सौंपने की कार्ययोजना तैयार करें।

एलॉन मस्क की भूमिका और ट्रंप का चुनावी वादा

इस कदम को ट्रंप की चुनावी रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है। उन्होंने 2024 के चुनाव अभियान में यह वादा किया था कि वे फेडरल नौकरशाही को कम करेंगे और शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकारों को स्वतंत्रता देंगे। बताया जा रहा है कि इस फैसले को तकनीकी रूप से लागू कराने में टेक दिग्गज एलॉन मस्क भी ट्रंप की सहायता कर रहे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: डेमोक्रेट्स ने बताया “खतरनाक सत्ता हथियाना”

इस आदेश के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तीव्र रही। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के टॉप लीडर चक शूमर ने ट्रंप के इस कदम को “तानाशाही की ओर बढ़ता एक खतरनाक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था के लिए अब तक की सबसे बड़ी तबाही हो सकती है।

वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख नेता जैसे कि फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट इस फैसले का समर्थन करने के लिए समारोह में मौजूद थे।

शिक्षा बनाम राजनीति: एक पुरानी लड़ाई का ताजा अध्याय

अमेरिका में शिक्षा हमेशा से ही एक राजनीतिक और सांस्कृतिक युद्ध का मैदान रही है। खासकर रिपब्लिकन यह मानते हैं कि शिक्षा विभाग के माध्यम से फेडरल सरकार अनावश्यक हस्तक्षेप करती है, जिससे राज्य अपनी संस्कृति और मूल्यों के अनुसार शिक्षा नीति नहीं बना पाते।

ट्रंप ने इस फैसले को देश के लिए पैसे की बचत और शैक्षणिक मानकों में सुधार का रास्ता बताया है। उनका दावा है कि अमेरिका आज भी यूरोप और चीन की तुलना में शिक्षा के क्षेत्र में पीछे है।

क्या शिक्षा का भविष्य अब राज्यों के हाथों में होगा?

अब बड़ा सवाल यही है कि क्या शिक्षा का नियंत्रण वास्तव में राज्यों को सौंपा जा सकेगा? क्या कांग्रेस ट्रंप के आदेश का समर्थन करेगी? और सबसे अहम बात – क्या यह फैसला छात्रों के हित में होगा?

फिलहाल, ट्रंप ने एक नया अध्याय शुरू कर दिया है, लेकिन इसका असर आने वाले समय में अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था, राजनीति और सामाजिक संरचना पर गहरा असर डालेगा – इसमें कोई संदेह नहीं।