बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की 2007 में आई फिल्म ‘ओम शांति ओम’ को ब्लॉकबस्टर सफलता मिली थी। फराह खान के निर्देशन में बनी इस फिल्म का बजट करीब 40 करोड़ रुपये था, जबकि इसने बॉक्स ऑफिस पर 148 करोड़ रुपये की जबरदस्त कमाई की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म को बनाने में एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिसे हॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर जेम्स कैमरन ने दो साल बाद 2009 में रिलीज हुई ‘अवतार’ में अपनाया था?
‘ओम शांति ओम’ में इस्तेमाल हुई थी यह खास टेक्नोलॉजी
शाहरुख खान का प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट हमेशा नई तकनीकों को अपनाने और वक्त से आगे चलने के लिए जाना जाता है। ‘ओम शांति ओम’ के दौरान भी यह साफ दिखा। इस फिल्म के प्रोड्यूसर शाहरुख खान और गौरी खान ने सिर्फ एक गाने ‘धूम ताना’ को शूट करने के लिए उस दौर की एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था। इस बारे में रेड चिलीज के VFX प्रोड्यूसर केतन यादव ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था।
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बाद में ‘अवतार’ में इस्तेमाल हुई वही तकनीक
केतन यादव के मुताबिक, “हमने ‘रा.वन’ और ‘कृष’ के दौरान कई हॉलीवुड टेक्नीशियन्स से चर्चा की थी। उनमें से एक व्यक्ति ‘अवतार’ टीम का हिस्सा भी थे। हमने 2007 में ‘ओम शांति ओम’ में जिस तकनीक का इस्तेमाल किया था, वही आगे चलकर ‘अवतार’ में अपनाई गई।”
उन्होंने यह भी बताया कि जब दीपिका पादुकोण के साथ गाने की शूटिंग हो रही थी, तब फिल्म के DOP (डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी) कैमरे के फ्रेम में असल में पुराने जमाने के दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त को देख सकते थे। यह तकनीक इतनी एडवांस थी कि इससे पुराने फुटेज को नए सीक्वेंस में इस तरह एडिट किया जा सकता था कि वे ऑरिजनल सीन का हिस्सा लगें।
रणबीर कपूर की ‘सांवरिया’ से हुआ था क्लैश
‘ओम शांति ओम’ की रिलीज के वक्त शाहरुख खान की फिल्म का मुकाबला रणबीर कपूर और सोनम कपूर की डेब्यू फिल्म ‘सांवरिया’ से था। यह बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ा क्लैश माना गया, लेकिन दर्शकों के प्यार और जबरदस्त कंटेंट की वजह से ‘ओम शांति ओम’ भारी पड़ गई। फिल्म ने शानदार कमाई कर रणबीर की डेब्यू फिल्म को पूरी तरह पीछे छोड़ दिया।
शाहरुख खान का विजन, जिसने बदला बॉलीवुड का गेम
शाहरुख खान हमेशा से ही तकनीक को लेकर एक्सपेरिमेंटल रहे हैं। ‘ओम शांति ओम’ के बाद उन्होंने ‘रा.वन’ में भी हॉलीवुड लेवल के VFX का इस्तेमाल किया, जिसने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक नया स्टैंडर्ड सेट कर दिया। उनकी यह दूरदर्शिता ही उन्हें बाकी सुपरस्टार्स से अलग बनाती है।
इससे साफ है कि भारतीय सिनेमा भी तकनीकी रूप से किसी से पीछे नहीं है और शाहरुख खान जैसे अभिनेताओं की वजह से बॉलीवुड में लगातार नए प्रयोग होते रहे हैं।