आज 12 मार्च 2025, बुधवार का दिन है। यह तिथि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो सुबह 09:12 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। आज चंद्रमा सिंह राशि में गोचर करेंगे और दिनभर मघा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। साथ ही, सुकर्माण योग का संयोग भी बन रहा है, जो दिन को और अधिक शुभ बना सकता है।
बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नहीं होता है, लेकिन अन्य शुभ मुहूर्तों का ध्यान रखकर कार्य किए जा सकते हैं। राहुकाल का समय दोपहर 12:30 बजे से 1:58 बजे तक रहेगा, इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए।
12 मार्च 2025 का पंचांग
दिन | बुधवार |
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महीना | फाल्गुन (शुक्ल पक्ष) |
तिथि | त्रयोदशी (09:12 AM तक), फिर चतुर्दशी |
नक्षत्र | मघा (04:06 AM तक अगले दिन) |
योग | सुकर्मा (01:00 PM तक) |
सूर्योदय | सुबह 6:34 बजे |
सूर्यास्त | शाम 6:27 बजे |
राहुकाल | 12:30 PM से 1:58 PM तक |
गोधूलि मुहूर्त | 6:23 PM से 7:25 PM तक |
विजय मुहूर्त | 2:23 PM से 3:25 PM तक |
निशीथ मुहूर्त | 11:41 PM से 12:20 AM तक |
ब्रह्म मुहूर्त | 4:03 AM से 5:08 AM तक |
12 मार्च 2025 का शुभ मुहूर्त
प्रमुख शुभ मुहूर्त:
- सुकर्मा योग: दोपहर 1:00 बजे तक
- मघा नक्षत्र: सुबह 4:06 बजे तक (अगले दिन)
- अमृत काल: सुबह 6:06 बजे से 7:42 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:23 बजे से 7:25 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:23 बजे से 3:25 बजे तक
- निशीथ मुहूर्त: रात 11:41 बजे से 12:20 बजे तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:03 बजे से 5:08 बजे तक
राहुकाल का समय (12 मार्च 2025)
राहुकाल में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है।
शहर | राहुकाल का समय |
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दिल्ली | 12:31 PM – 2:00 PM |
मुंबई | 12:49 PM – 2:18 PM |
चंडीगढ़ | 12:33 PM – 2:02 PM |
लखनऊ | 12:17 PM – 1:46 PM |
भोपाल | 12:30 PM – 2:00 PM |
कोलकाता | 11:47 AM – 2:19 PM |
अहमदाबाद | 12:19 PM – 1:49 PM |
चेन्नई | 3:19 PM – 4:49 PM |
12 मार्च 2025 का व्रत और त्योहार
- भौम प्रदोष व्रत
यह व्रत मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग और इसकी विशेषताएं
पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है, जो समय और काल की सटीक गणना करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पांच मुख्य तत्वों से मिलकर बना होता है:
- तिथि – चंद्र मास का एक हिस्सा
- नक्षत्र – चंद्रमा की स्थिति को दर्शाने वाला तत्व
- वार – सात दिनों के आधार पर
- योग – ग्रहों की विशेष स्थिति
- करण – तिथि का आधा भाग
पंचांग के माध्यम से हमें शुभ मुहूर्त, अशुभ समय, ग्रहों की चाल और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सही समय का ज्ञान होता है।