अवैध अप्रवास को रोकने के लिए सरकार ला रही नया विधेयक, जानें क्या हैं प्रावधान

Wp6ns3fbqezppkjxblr3wwqmeqz7mvrvx9vynm5q

घुसपैठ और अवैध आव्रजन को रोकने के उद्देश्य से मंगलवार को लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 पेश किया गया। अमित शाह की ओर से विधेयक पेश करते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक किसी को देश में आने से रोकने के लिए नहीं लाया गया है, बल्कि इस विधेयक का उद्देश्य यह है कि जो भी विदेशी भारत आए, वह यहां के नियमों का पालन करते हुए ही आए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और टीएमसी के सौगत रॉय ने विधेयक का विरोध किया।

 

इस विधायक को क्यों लाया गया?

इस विधेयक का उद्देश्य भारत के आव्रजन नियमों को आधुनिक और मजबूत बनाना है। यह विधेयक केंद्र सरकार को विदेशियों से संबंधित पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज़ आवश्यकताओं तथा भारत में प्रवेश करने या भारत से बाहर जाने वाले व्यक्तियों से संबंधित मामलों को विनियमित करने का अधिकार देता है। इसमें वीज़ा और पंजीकरण आवश्यकताएं तथा संबंधित मामले शामिल हैं।

सुरक्षा की दृष्टि से यह विशेष है।

आव्रजन से संबंधित यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह विधेयक कानूनी स्थिति साबित करने का दायित्व राज्य के बजाय व्यक्ति पर डालता है। यह विधेयक स्पष्ट रूप से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा समझे जाने वाले किसी भी विदेशी नागरिक के प्रवेश या निवेश पर प्रतिबंध लगाता है। यह सभी विदेशियों के लिए आगमन पर पंजीकरण कराना अनिवार्य बनाता है तथा उनकी आवाजाही, नाम परिवर्तन तथा संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है। इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम जैसी संस्थाओं को विदेशी नागरिकों की उपस्थिति के बारे में आव्रजन अधिकारियों को सूचित करना होगा।

नियम तोड़ने पर सज़ा

  • प्रस्तावित कानून में आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का भी प्रावधान है। वैध पासपोर्ट या वीज़ा के बिना भारत में अवैध प्रवेश करने पर पांच साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  •  फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वालों को दो से सात साल की कैद और एक लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • निर्धारित समय से अधिक समय तक रुकना, वीजा शर्तों का उल्लंघन करना या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने जैसे अपराधों के लिए तीन वर्ष तक का कारावास, 3 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
  • जो ड्राइवर बिना उचित दस्तावेज के व्यक्तियों को परिवहन करते हैं, उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जुर्माना अदा न करने पर उन पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और उनके वाहन भी जब्त किए जा सकते हैं।
  • यदि किसी विदेशी को प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है, तो ट्रांसपोर्टर उनकी तत्काल वापसी सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
  • यह विधेयक आव्रजन अधिकारियों को अधिक शक्तियां भी प्रदान करता है, जिसमें बिना वारंट के व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का अधिकार भी शामिल है।
News Hub