देश के प्रसिद्ध उद्योगपति बाबा कल्याणी (Baba Kalyani) और उनकी बहन सुगंधा हीरेमठ (Sugandha Hiremath) अपनी मां की समाधि को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मामला अब पुणे के सिविल कोर्ट (Pune Civil Court) में पहुंच गया है, जहां सुगंधा हीरेमठ ने बाबा कल्याणी के खिलाफ स्पेशल सिविल सूट दायर किया है।
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क्या है पूरा मामला?
कल्याणी परिवार में मां सुलोचना कल्याणी की समाधि को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। कई उतार-चढ़ाव के बाद अब यह न्यायालय तक पहुंच गया है। गुरुवार को सुगंधा हीरेमठ के हलफनामे (एफिडेविट) पर कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने अपने भाई बाबा कल्याणी पर समाधि निर्माण को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया।
सुगंधा के वकील ने कोर्ट में क्या कहा?
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुगंधा के वकील ने कोर्ट को बताया कि—
- दिसंबर 2024 में बाबा कल्याणी ने सुगंधा को लिखित सुझाव दिया था कि उनकी मां की समाधि पार्वती निवास (निजी निवास) में बनाई जाए।
- 13 फरवरी 2025 को बाबा कल्याणी के वकील ने कोर्ट में एक पत्र पेश किया, जिसमें कहा गया कि समाधि स्थल तय करने के लिए फैमिली गुरु, सुगंधा और उनके छोटे भाई गौरीशंकर से सलाह ली जाएगी।
समाधि को लेकर विरोधाभास?
- 20 फरवरी को इस मामले में सुगंधा और उनके पति जय हीरेमठ को बाबा कल्याणी से मिलने जाना था, लेकिन बाबा कल्याणी वहां नहीं पहुंचे।
- बाद में मुलाकात के दौरान बाबा कल्याणी ने दावा किया कि उनकी मां की समाधि काशी के एक मठ में बना दी गई है।
- 3 मार्च को जब सुगंधा काशी के उसी मठ में पहुंचीं, तो उन्हें वहां केवल एक छोटा शिवलिंग मिला, जो अन्य शिवलिंगों के साथ रखा था। उन्होंने इसे समाधि स्थल के लिए अनुपयुक्त बताया।
बाबा कल्याणी का पक्ष
- 6 मार्च को सुगंधा के वकील ने आरोप लगाया कि बाबा कल्याणी न्यायपालिका और अपनी बहन को गुमराह कर रहे हैं।
- वहीं, बाबा कल्याणी के वकील का कहना है कि वे इस मामले को सुलझाना चाहते हैं, लेकिन सुगंधा सहयोग नहीं कर रही हैं।
अब क्या होगा?
इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी, जहां कोर्ट में इस विवाद पर आगे की बहस होगी।