अगले महीने से शुरू होने जा रही है मोदी सरकार की ये योजना, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर

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केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपयोगी खबर। अगले महीने यानी अप्रैल से एक नया नियम लागू होने जा रहा है। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1 अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) शुरू करने की घोषणा की। यह योजना मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के विकल्प के रूप में कार्य करेगी और इसका उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।

एकीकृत पेंशन योजना क्या है?

एकीकृत पेंशन योजना एक नया ढांचा है जिसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की तुलना में अधिक स्थिर और विश्वसनीय पेंशन लाभ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन मिलेगी।

एनपीएस बनाम नया यूपीएस

एनपीएस- एनपीएस बाजार आधारित है, जिसका अर्थ है कि पेंशन राशि बाजार की स्थितियों पर निर्भर करती है। कर्मचारी का अंशदान 10% है, और सरकारी अंशदान 14% है।

यूपीएस- एनपीएस के विपरीत, यूपीएस बाजार आधारित नहीं है और अंतिम वेतन के 50% के बराबर पेंशन की गारंटी देता है। सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो गया है, जबकि कर्मचारियों का योगदान समान रहेगा। आपको बता दें कि यूपीएस के जरिए पेंशन पाने के लिए न्यूनतम 10 साल की सेवा जरूरी है।

एकीकृत पेंशन योजना के लिए कौन पात्र है?

एकीकृत पेंशन योजना वर्तमान में एनपीएस के अंतर्गत सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है और वे नई योजना में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

यह निर्णय क्यों लिया गया?

अप्रैल 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता वाले एक पैनल ने एनपीएस के पुनर्गठन की सिफारिश की थी। इसके परिणामस्वरूप एकीकृत पेंशन योजना बनाई गई, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना था।

एकीकृत पेंशन योजना कब लागू होगी?

एकीकृत पेंशन योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन के अनुसार, यूपीएस 99% मामलों में कर्मचारियों के लिए अधिक लाभकारी होगा, हालांकि कुछ अपवादात्मक मामले एनपीएस के अंतर्गत रह सकते हैं। आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले से करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों और 12 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। उम्मीद है कि एकीकृत पेंशन योजना से सेवानिवृत्ति के दौरान उनकी वित्तीय चिंताएं कम होंगी तथा उनकी समग्र जीवनशैली में सुधार आएगा।