भारतीय शेयर बाजार में लगातार कई दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 740 अंक उछलकर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी में 10 दिन से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया। इस तेजी के पीछे कई प्रमुख कारण रहे, जिनमें वैश्विक संकेत, शॉर्ट-कवरिंग और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी शामिल हैं।
शेयर बाजार में तेजी के कारण
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि भारतीय बाजार में यह बढ़त शॉर्ट-कवरिंग की वजह से आई है। विदेशी निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयरों में भारी शॉर्ट पोजीशन ले रखी थी, जिसे अब वे कवर कर रहे हैं।
1. अमेरिकी डॉलर की कमजोरी
प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर के मुताबिक,
“यह एक राहत रैली हो सकती है। अमेरिकी डॉलर की दरों में गिरावट के कारण FII भारतीय शेयर बाजार में शॉर्ट-कवरिंग कर रहे हैं।”
- अमेरिकी डॉलर इंडेक्स अपने दिसंबर 2024 के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जिससे विदेशी निवेशकों का झुकाव भारतीय बाजारों की ओर बढ़ा है।
- FII ने अमेरिकी मुद्रा बाजार में मुनाफावसूली की और भारतीय शेयर बाजार में शॉर्ट-कवरिंग शुरू की।
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2. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के संकेत
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के प्रशांत तापसे के अनुसार,
“वैश्विक बाजारों में मजबूती के कारण भारतीय बाजारों में भी तेजी आई। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि ट्रंप प्रशासन वैश्विक व्यापार तनाव को कम करने के लिए कुछ शुल्क दरों को वापस लेने पर विचार कर रहा है।”
- इस खबर से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई और खरीदारी बढ़ गई।
- इसके अलावा, फरवरी PMI सूचकांक में वृद्धि भी एक महत्वपूर्ण कारण रही।
3. भारतीय सेवा क्षेत्र में सुधार
- फरवरी में भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जबरदस्त तेजी देखी गई।
- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में सुधार के चलते उत्पादन बढ़ा और नौकरियों की संख्या में इजाफा हुआ।
- HSBC इंडिया सेवा PMI (Purchasing Managers’ Index) जनवरी के 56.5 से बढ़कर फरवरी में 59.0 पर पहुंच गया, जो 26 महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है।