रमजान 2024: रोजा के नियम, किन्हें छूट और किन गलतियों से टूट सकता है रोजा?

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रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और यह इस्लाम धर्म में सबसे पाक महीना माना जाता है। इस महीने में मुसलमान रोजा (उपवास) रखते हैं, जो फजर (सुबह) से लेकर मगरिब (शाम) तक चलता है।

हालांकि, रोजा रखने के कुछ नियम होते हैं, और कुछ लोगों को इसे रखने से छूट भी दी जाती है। साथ ही, अगर कुछ गलतियां की जाएं, तो रोजा टूट सकता है। आइए जानते हैं रोजा के नियम, किन्हें छूट मिलती है और किन कारणों से रोजा टूट जाता है।

रोजा रखने के जरूरी नियम

1. पाक नीयत (इखलास) होना जरूरी

  • रोजा सिर्फ शारीरिक उपवास नहीं बल्कि आत्मा की शुद्धि और अल्लाह की इबादत का एक जरिया है।
  • इसे पूरी पाक नीयत (इखलास) के साथ रखा जाना चाहिए।
  • रोजा का मुख्य उद्देश्य संयम रखना और अल्लाह के प्रति समर्पण दिखाना है।

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2. सहरी और इफ्तार का समय

  • रोजा सहरी (फज्र से पहले) खाने के साथ शुरू होता है।
  • यह इफ्तार (मगरिब के समय) के साथ समाप्त होता है।
  • इस बीच खाना-पीना पूरी तरह मना होता है।

3. रोजा के दौरान क्या मना है?

 भोजन और पानी का सेवन पूरी तरह वर्जित है।
 सिगरेट, तंबाकू और किसी भी प्रकार के नशे से बचना जरूरी है।
अश्लील या गलत भाषा और हरकतों से बचना जरूरी है।
गुस्सा, झूठ, चुगली और किसी को नुकसान पहुंचाना रोजे की पाकीजगी को खत्म कर सकता है।

कौन-कौन से लोगों को रोजा रखने से छूट मिलती है?

इस्लाम धर्म में मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोजा रखना जरूरी होता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में छूट दी गई है:

लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोग – अगर कोई व्यक्ति किसी लंबी सफर पर है, तो उसे रोजा छोड़ने की अनुमति है, लेकिन बाद में इसकी कजा (रोजे की भरपाई) करनी होगी।

बीमार व्यक्ति – अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है और उपवास से उसकी सेहत को नुकसान हो सकता है, तो उसे रोजा न रखने की छूट है।

बुजुर्ग और छोटे बच्चे – बहुत बूढ़े लोग जो रोजा सहन नहीं कर सकते, और छोटे बच्चों को भी रोजा से छूट दी गई है।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं – अगर प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग मदर को रोजा रखने से सेहत पर असर पड़ सकता है, तो उन्हें भी रोजा छोड़ने की अनुमति है।

रोजा किन कारणों से टूट जाता है?

जानबूझकर कुछ खा-पी लेना – अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कुछ खाता या पीता है, तो उसका रोजा टूट जाता है।

सिगरेट, शराब या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन – रोजे के दौरान स्मोकिंग, ड्रग्स, शराब, तंबाकू आदि पूरी तरह से हराम (वर्जित) हैं।

जानबूझकर उल्टी करना – अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर उल्टी करता है, तो उसका रोजा टूट जाता है। इसलिए सहरी और इफ्तार में हल्का और हेल्दी खाना खाना चाहिए।

गुस्सा, बुरा बोलना और गलत हरकतें करना – अगर कोई व्यक्ति रोजे के दौरान गुस्से में गलत शब्दों का इस्तेमाल करता है, झगड़ता है या किसी का दिल दुखाता है, तो यह रोजे की पवित्रता को नुकसान पहुंचाता है।