जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बिजली विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं कि रमजान के दौरान सहरी और इफ्तार के समय किसी भी तरह की बिजली कटौती न की जाए। मुख्यमंत्री ने रमजान के दौरान किए गए व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने जनता की जरूरतों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
सरकार से जनता को पूरी उम्मीदें: उमर अब्दुल्ला
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि जनता अपनी निर्वाचित सरकार से यह अपेक्षा रखती है कि रमजान के दौरान उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने कहा,
“चूंकि रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है, लोगों को उम्मीद है कि सरकार हर संभव कदम उठाएगी ताकि उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर किसी भी क्षेत्र में बिजली कटौती की आवश्यकता होती है, तो उसकी योजना पहले से बनाई जाए और दिन के समय ही बिजली बंद की जाए। इसके अलावा, रखरखाव कार्य भी दिन के समय ही किए जाने चाहिए ताकि सहरी और इफ्तार के समय कोई परेशानी न हो।
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जल आपूर्ति और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने जल आपूर्ति को लेकर भी अधिकारियों को सतर्क किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बारिश और बर्फबारी के कारण पानी की उपलब्धता में सुधार हुआ है, लेकिन फिर भी हर घर में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “अल्लाह की कृपा से पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश इस संबंध में फायदेमंद रही है, लेकिन हमें फिर भी जल आपूर्ति को लेकर सतर्क रहना होगा।”
साथ ही, उन्होंने साफ-सफाई, विशेष रूप से मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास स्वच्छता बनाए रखने, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए।
जनता की सुविधा के लिए सरकार पूरी तरह तैयार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस निर्देश से साफ है कि सरकार चाहती है कि रमजान के दौरान बिजली, पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं में कोई बाधा न आए। उन्होंने अधिकारियों को सिस्टम से जुड़ी किसी भी समस्या को तुरंत हल करने और खराब ट्रांसफार्मरों को जल्द से जल्द बदलने के निर्देश दिए ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।