
आस्था का सबसे बड़ा समागम महाकुंभ आज औपचारिक रूप से समाप्त हो रहा है। महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि महाकुंभ समाप्त हो गया है… एकता का महायज्ञ पूरा हो गया है। यह आश्चर्यजनक है कि कैसे 140 करोड़ भारतीयों की आस्था प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में 45 दिनों तक एक ही उत्सव के लिए एकत्रित हुई! महाकुंभ के समापन के बाद मेरे मन में जो विचार आए, उन्हें मैंने लिखने का प्रयास किया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने महाकुंभ पर एक लेख भी लिखा है।
यह महाकुंभ एकता का महाकुंभ है।
पीएम मोदी ने अपने लेख में लिखा कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मैंने ईश्वर भक्ति के साथ-साथ देशभक्ति की भी बात की थी। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी-देवता एकत्र हुए, संत-महापुरुष एकत्र हुए, बच्चे-बुजुर्ग एकत्र हुए, महिलाएं-युवा एकत्र हुए, और हमने देश की जागृत चेतना के दर्शन किए। ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ था, जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, एक पर्व के माध्यम से, एक साथ जुड़ गई। तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, सद्भाव और प्रेम का पावन स्थल श्रृंगवेरपुर है, जहां भगवान श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था। उनके मिलन की वह घटना भी हमारे इतिहास में भक्ति और सद्भाव के संगम की तरह है। प्रयागराज का यह तीर्थ स्थल आज भी हमें एकता और सद्भाव की प्रेरणा देता है।
देश के कोने-कोने से लाखों लोग आये।
तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, सद्भाव और प्रेम की पावन स्थली श्रृंगवेरपुर भी है, जहां भगवान श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था। उनके मिलन की वह घटना भी हमारे इतिहास में भक्ति और सद्भाव के संगम की तरह है। प्रयागराज का यह तीर्थ स्थल आज भी हमें एकता और सद्भाव की प्रेरणा देता है।
पिछले 45 दिनों से हर दिन मैंने देखा है कि कैसे देश के कोने-कोने से लाखों लोग संगम तट की ओर बढ़ रहे हैं। संगम में स्नान करने की भावना बढ़ती जा रही थी। हर श्रद्धालु सिर्फ एक ही काम में व्यस्त था – संगम में स्नान। मां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम हर श्रद्धालु को उत्साह, ऊर्जा और आस्था से भर रहा था।
पीएम मोदी ने महाकुंभ के आयोजन की सराहना की
प्रयागराज में आयोजित यह महाकुंभ कार्यक्रम आधुनिक समय के प्रबंधन पेशेवरों, योजना और नीति विशेषज्ञों के लिए अध्ययन का एक नया विषय बन गया है। आज पूरे विश्व में ऐसी महान घटना की कोई तुलना नहीं है, इसके जैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है।
महाकुंभ में उमड़ी भीड़ को देखकर दुनिया हैरान रह गई- पीएम मोदी
पूरी दुनिया इस बात से आश्चर्यचकित है कि कैसे इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों लोग त्रिवेणी संगम पर एक नदी के तट पर एकत्रित हुए। इन लाखों लोगों को न तो कोई औपचारिक निमंत्रण दिया गया था और न ही उन्हें इस बारे में कोई पूर्व सूचना दी गई थी कि वे कब पहुंचेंगे। इसलिए लोग महाकुंभ के लिए निकल पड़े… और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। मैं उन तस्वीरों को नहीं भूल सकता… मैं नहाने के बाद अपार खुशी और संतुष्टि से भरे उन चेहरों को नहीं भूल सकता। चाहे महिलाएं हों, बुजुर्ग हों या दिव्यांग, हर कोई संगम तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा था।