भारत में हाइपरलूप ट्रेन: मुंबई-पुणे और बेंगलुरु-चेन्नई के बीच हाई-स्पीड यात्रा की तैयारी

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भारत में पहली हाइपरलूप परियोजना मुंबई और पुणे के बीच प्रस्तावित है, जिससे वर्तमान में 3-4 घंटे का सफर सिर्फ 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक पॉड में 24 से 28 यात्री बैठ सकते हैं। हाइपरलूप तकनीक पर आधारित पहली सफल परीक्षण 2019 में हुआ था।

क्या है हाइपरलूप?

हाइपरलूप एक अत्याधुनिक हाई-स्पीड ट्रेन प्रणाली है, जो वैक्यूम ट्यूब में चुंबकीय तकनीक के जरिए चलती है। इसकी अधिकतम गति 1000 किमी/घंटा तक जा सकती है। यह प्रणाली ऊर्जा की कम खपत करती है और लगभग शून्य प्रदूषण उत्पन्न करती है।

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भारत में हाइपरलूप को लेकर प्रगति

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आईआईटी मद्रास को इस परियोजना पर शोध के लिए अब तक दो बार 1-1 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया गया है। जल्द ही तीसरा अनुदान भी दिया जाएगा।रेलवे मंत्रालय बेंगलुरु-चेन्नई हाइपरलूप ट्रेन परियोजना पर भी काम कर रहा है, जिससे यह दूरी मात्र 30-40 मिनट में पूरी की जा सकेगी।

वैश्विक स्तर पर हाइपरलूप की स्थिति

स्पेनिश कंपनी ‘Zeleros’ यूरोपीय शहरों को 1000 किमी/घंटा की स्पीड से जोड़ने के लिए हाइपरलूप प्रणाली विकसित कर रही है।

चीन एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन हाइपरलूप आधारित मैग्लेव ट्रेन पर काम कर रहा है, जिसे 2025 तक 1000 किमी/घंटा की स्पीड तक ले जाने का लक्ष्य है।

भारत में हाइपरलूप ट्रेन के आने से यात्रा का समय तेजी से घटेगा, ऊर्जा की बचत होगी और ट्रांसपोर्ट सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।