बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान बीते 37 सालों से इंडस्ट्री में नए ट्रेंड सेट कर रहे हैं। ‘गजनी’, ‘3 इडियट्स’, ‘पीके’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के जरिए उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिछले 20 सालों से आमिर खान फिल्मों के लिए कोई तयशुदा फीस नहीं लेते?
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फिल्म हिट तो कमाई, फ्लॉप तो कुछ नहीं
हाल ही में एक इंटरव्यू में आमिर खान ने खुलासा किया कि उनकी कमाई फिल्म की सफलता पर निर्भर करती है।
- अगर फिल्म हिट होती है, तो उन्हें प्रॉफिट शेयरिंग के जरिए पैसा मिलता है।
- अगर फिल्म फ्लॉप होती है, तो उन्हें कोई भी पैसा नहीं मिलता।
- इससे प्रोड्यूसर्स पर फीस का बोझ नहीं पड़ता, जिससे फिल्म का बजट संतुलित रहता है।
प्रोडक्शन बजट और कमाई का गणित
आमिर खान ने यह भी बताया कि किसी भी फिल्म के बजट को रिकवर करने के लिए कम से कम 20-30 करोड़ रुपये की शुरुआती कमाई जरूरी होती है।
- अगर किसी फिल्म का बजट 200 करोड़ रुपये हो और कलाकार भारी-भरकम फीस लें, तो फ्लॉप होने पर यह नुकसानदायक हो सकता है।
- उनका प्रॉफिट-शेयरिंग मॉडल यूरोप में प्रचलित सबसे पुराने तरीकों में से एक है, जो आज भी वहां इस्तेमाल किया जाता है।
कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों की प्राथमिकता
आमिर खान हमेशा कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों पर फोकस करते हैं। हालांकि, उनकी पिछली फिल्में ‘लाल सिंह चड्ढा’ और ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं, जिससे उन्हें कोई खास मुनाफा नहीं हुआ। इसके बावजूद, आमिर खान अपने अनूठे फीस मॉडल और प्रयोगात्मक फिल्मों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।