इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के ब्रांड नाम को लेकर चल रहे विवाद का अंत हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेश को वापस लेते हुए इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस को “सम्मान” के ट्रेडमार्क के उपयोग पर लगी रोक हटा दी है। हालांकि, न्यायमूर्ति हरि शंकर और न्यायमूर्ति अजय दिगपाल की खंडपीठ ने निर्देश दिया है कि इंडियाबुल्स को अपने सभी विज्ञापनों में यह स्पष्ट करना होगा कि इसे पहले इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के नाम से जाना जाता था।
ब्रांडिंग में बदलाव के लिए निर्देश
कंपनी को नई ब्रांडिंग के साथ पुराना लोगो दिखाने की सलाह दी गई है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, कंपनी को यह स्पष्ट करते हुए एक डिसक्लेमर भी शामिल करना आवश्यक है कि उसका स्वमान फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने इसे चार सप्ताह के भीतर लागू करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और स्वमान फाइनेंशियल सर्विसेज के बीच ट्रेडमार्क उल्लंघन का विवाद तब शुरू हुआ जब स्वमान ने दावा किया कि इंडियाबुल्स की रीब्रांडिंग उसके रजिस्टर्ड मार्क “स्वमान” के समान थी। स्वमान फाइनेंशियल सर्विसेज एक आरबीआई-रजिस्टर्ड एनबीएफसी-एमएफआई है और 2017 से “स्वमान” ट्रेडमार्क का उपयोग कर रही है।
बातचीत के मुद्दे
इंडियाबुल्स का तर्क है कि “सम्मान” और “स्वमान” भिन्न शब्द हैं, जिनका अर्थ क्रमशः “सम्मान” और “आत्म-सम्मान” है। कंपनी ने अपनी मेहनत और वैधता का हवाला देते हुए “सम्मान” नाम को अपनाने का समर्थन किया।
एकल पीठ का आदेश
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 10 फरवरी को स्वमान को अंतरिम निषेधाज्ञा दी थी और इंडियाबुल्स को “सम्मान” का उपयोग करने से रोक दिया था। इसके बाद, इंडियाबुल्स ने फैसले के खिलाफ अपील की, जिस पर 13 फरवरी को डिवीजन बेंच ने यथास्थिति का आदेश दिया। 14 फरवरी को व्यापक सुनवाई के बाद, पीठ ने इंडियाबुल्स को कुछ शर्तों के साथ राहत दी।
शेयर में गिरावट
इस बीच, सम्मान कैपिटल के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन, यह शेयर 3% से अधिक गिरकर 117.80 रुपये पर बंद हुआ, जबकि ट्रेडिंग के दौरान यह 115.10 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया।
इस प्रकार, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का यह ब्रांड विवाद एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, जिसमें कंपनी को अपने विज्ञापनों और ब्रांडिंग में बदलाव करना होगा।