बाबरपुर सीट से विधायक गोपाल राय ने बड़ा दावा किया

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दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री को लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आज या कल तक इसपर निर्णय लिया जा सकता है। पीएम मोदी के फ्रांस और अमेरिका के दौरे से लौटने के बाद सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बन चुकी है, बस पीएम की मंजूरी बाकी है। इस बीच, दिल्ली के पूर्व पर्यावरण मंत्री और बाबरपुर सीट से विधायक गोपाल राय ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि दिल्ली में अगले दिनों में पांच मुख्यमंत्री बदले जाएंगे और दिल्ली में हर समय अस्थिर सरकार रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।

गोपाल राय ने दिल्ली के नए सीएम के नाम पर चर्चा करते हुए भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि 10 दिन हो गए हैं, लेकिन भाजपा अभी तक अपना मुख्यमंत्री नहीं तय कर पाई है। भाजपा यह नहीं तय कर पा रही है कि कौन दिल्ली का मंत्री बनेगा। यह इस बात का संकेत है कि भाजपा के पास ना तो कल मुख्यमंत्री था और ना ही आज है। भाजपा ने बार-बार कहा था कि पीएम के लौटने के बाद यह तय होगा, लेकिन अब जब पीएम लौट आए हैं, तब भी यह फैसला नहीं हो पा रहा है और तारीख पर तारीख दी जा रही है। गुटबाजी के चलते गोपाल राय का मानना है कि आने वाले समय में दिल्ली में पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदलेंगे और दिल्ली में अस्थिर सरकार बनेगी। ऐसे में उनकी पार्टी एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।

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गोपाल राय ने आगे कहा कि भाजपा ने इन चुनावों में धन-बल, छल, चुनाव आयोग, पुलिस का दुरुपयोग किया, लेकिन फिर भी 43.6% दिल्लीवाले आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ रहे, जो उनके लिए संतोषजनक है। अब उनका संगठन गली, जिला और प्रदेश स्तर पर दिल्ली की जनता के साथ खड़ा रहेगा और उनके काम करवाने में अहम भूमिका निभाएगा।

आम आदमी पार्टी भाजपा पर लगातार मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में हो रही देरी को लेकर हमलावर है। आज, एक्टिंग सीएम आतिशी और पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा ने भी भाजपा को घेरा। आतिशी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को अपने 48 विधायकों में से किसी पर भी भरोसा नहीं है। दिल्ली चुनाव के नतीजे आए 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन भाजपा अभी तक अपना मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई है। उनका आरोप है कि भाजपा के पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे वे दिल्ली का मुख्यमंत्री बना सकें, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी को लगता है कि उनके विधायक सरकार चलाने में सक्षम नहीं हैं। वहीं, अवध ओझा ने कहा कि भाजपा में जबरदस्त अंदरूनी कलह है, जिसके कारण उन्हें अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं मिल पाया है।

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