गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद दुनिया भर के 12 देशों ने 100 से अधिक पाकिस्तानियों को अपने देश से निकाल दिया है। कुल 131 पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट किया गया, जिन पर ड्रग तस्करी, अवैध घुसपैठ और नौकरी के नियमों के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप थे।
👉 सऊदी अरब और यूएई इस डिपोर्टेशन में सबसे आगे रहे, जिन्होंने बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों को वापस भेजा।
सऊदी अरब और यूएई से सबसे ज्यादा पाकिस्तानी निकाले गए
📌 सऊदी अरब ने 74 पाकिस्तानियों को डिपोर्ट किया, जिन पर ड्रग ट्रैफिकिंग और नौकरी के नियमों के उल्लंघन के आरोप थे।
📌 इनमें से कई ने जॉब एग्रीमेंट का उल्लंघन किया और बिना नोटिस नौकरी छोड़ दी थी।
📌 यूएई ने भी कई पाकिस्तानियों को बाहर निकाल दिया, जिन पर अवैध घुसपैठ, चोरी और ड्रग तस्करी के आरोप थे।
👉 एक मामला ऐसा भी आया, जिसमें एक पाकिस्तानी को एंट्री ही नहीं दी गई और तुरंत वापस भेज दिया गया, क्योंकि उसने खुदकुशी करने की धमकी दी थी।
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इन देशों से भी पाकिस्तानियों को निकाला गया
📌 ओमान, कंबोडिया, बहरीन, अजरबैजान, इराक और मेक्सिको ने भी पाकिस्तानियों को डिपोर्ट किया।
📌 मॉरिटानिया और सेनेगल से दो पाकिस्तानियों को मानव तस्करी के आरोप में निकाला गया।
पाकिस्तान पहुंचते ही गिरफ्तार किए गए 16 लोग
🚨 पाकिस्तान लौटने के बाद 16 लोगों को फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) को सौंप दिया गया, क्योंकि वे मानव तस्करी मामलों में आरोपी थे।
🚨 6 अन्य लोगों को लरकाना, कलात, गुजरांवाला, साहीवाल और रावलपिंडी की पुलिस को सौंपा गया, जिनके खिलाफ जांच जारी है।
कराची एयरपोर्ट पर 86 लोगों को देश छोड़ने से रोका गया
🔹 30 उमराह यात्रियों को रोका गया, क्योंकि उनके पास अग्रिम होटल बुकिंग और यात्रा खर्च का उचित विवरण नहीं था।
🔹 7 लोग, जिनके पास साइप्रस, यूके, अजरबैजान और किर्गिस्तान का स्टडी वीजा था, उन्हें भी एयरपोर्ट पर रोक लिया गया।
🔹 सऊदी अरब, ओमान, अजरबैजान, मालावी, कॉन्गो, बहरीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, तुर्की और जिम्बाब्वे के टूरिस्ट वीजा वाले कई लोगों को भी रोका गया।
🔹 जो पाकिस्तानी पहले से कतर, तुर्की और सऊदी अरब में ब्लैकलिस्ट थे, उन्हें भी बोर्डिंग की अनुमति नहीं दी गई।