जर्मनी के म्यूनिख में मंगलवार को एक व्यक्ति ने अपनी कार भीड़ पर चढ़ा दी, जिससे कम से कम 28 लोग घायल हो गए। यह हादसा शहर के केंद्रीय रेलवे स्टेशन के पास हुआ, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस घटना के समय म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर थीं, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की के शामिल होने की योजना थी।
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पुलिस ने क्या कहा?
म्यूनिख पुलिस के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि अधिकारी इस घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
“हम मामले की गंभीरता को देखते हुए हर एंगल से जांच कर रहे हैं। आरोपी हिरासत में है और अब किसी तरह का खतरा नहीं है।” – पुलिस प्रवक्ता
पुलिस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) के जरिए बताया कि संदिग्ध को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
क्या यह हमले की साजिश थी? पुलिस कई एंगल से कर रही जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला “Verdi” यूनियन द्वारा आयोजित एक हड़ताल से जुड़ी प्रदर्शन रैली को निशाना बनाने के लिए किया गया हो सकता है। हालांकि, पुलिस अब तक इसे आतंकी हमला मानने से इनकार कर रही है।
➡️ घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं
➡️ अब तक किसी चरमपंथी संगठन की संलिप्तता के सबूत नहीं मिले हैं
➡️ हमले के पीछे की असली वजह जांच के बाद ही साफ होगी
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के पहुंचने से पहले हुई इस घटना से सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई है।
क्या यह अकेली घटना है? पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले
यह पहली बार नहीं है जब जर्मनी में भीड़ पर गाड़ी चढ़ाने की घटना हुई हो।
🔴 क्रिसमस के समय पिछले साल जर्मनी में ऐसा ही हमला हुआ था:
✅ स्थान: मैगडेबर्ग शहर, जर्मनी
✅ घायल: 200 से अधिक लोग
✅ मृत्यु: 6 लोग
✅ हमलावर: एक प्रवासी, जिसने खुद को इस्लाम की कड़ी आलोचना करने वाला पूर्व मुस्लिम बताया था।
पिछली घटना में आरोपी ने दक्षिणपंथी संगठनों का समर्थन किया था और सोशल मीडिया पर अपनी कट्टरपंथी विचारधारा साझा की थी।