अमेरिका ने हाल ही में ब्राजील, भारत और मैक्सिको सहित कई देशों से अवैध आप्रवासियों को निर्वासित किया है। अब, डोनाल्ड ट्रम्प की तरह ही, ब्रिटेन में भी अवैध अप्रवासियों और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद से लगभग 19,000 अवैध आप्रवासियों और अपराधियों को देश से बाहर निकाला जा चुका है। ब्रिटिश सरकार ने इन लोगों को निर्वासित किये जाने का एक वीडियो भी जारी किया है। यह अभियान पूरे देश में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चलाया गया है। इसके लिए छापेमारी की गई है, जिसमें बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासी पाए गए हैं। इन लोगों को निर्वासित कर दिया गया है।
इस अभियान के तहत भारतीय रेस्तरां, नेल बार, स्टोर और कार वॉश पर छापे मारे गए। बड़ी संख्या में अवैध आप्रवासियों को नौकरी पर रखे जाने के बारे में शिकायतें प्राप्त हुईं। ब्रिटिश गृह सचिव वायट कूपर ने कहा कि उनके विभाग ने जनवरी में बड़े पैमाने पर छापे मारे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद से कुल 19,000 लोगों को निर्वासित किया गया है। अकेले जनवरी माह में 828 स्थानों पर छापे मारे गए और 609 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
यह संख्या पिछले वर्ष जनवरी की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक थी। अकेले हम्बरसाइड में एक भारतीय रेस्तरां पर छापेमारी में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 4 को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा ब्रिटिश संसद में एक नया विधेयक भी पेश किया गया है। इस विधेयक में सीमा सुरक्षा, शरण और अवैध आप्रवासियों को हटाने का प्रस्ताव है। ब्रिटिश सांसदों का कहना है कि इस विधेयक को लाने से बड़ी संख्या में आपराधिक गिरोहों को खत्म करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार का कहना है कि पिछली सरकारों ने सीमा सुरक्षा पर समझौता किया था। अब इस पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। ब्रिटिश सरकार ने अवैध आप्रवासियों को नौकरी देने वाली संस्थाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का भी निर्णय लिया है। ऐसे मामलों में प्रति व्यक्ति 60 हजार पाउंड का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है। अब तक कुल 1000 नोटिस जारी किये जा चुके हैं। पिछले वर्ष जुलाई में हुए आम चुनावों के बाद से 16,400 लोगों को बेदखल किया गया है।