सीएम भगवंत मान पूरी कैबिनेट के साथ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने पहुंच गए

Aap Arvind Kejriwal Eci 18 1739

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपनी पूरी कैबिनेट के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। पार्टी में बढ़ते असंतोष के कारण यह बैठक आयोजित की जा रही है। दिल्ली के कपूरथला हाउस में होने वाली इस बैठक को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद से हटाने की योजना बना रहे हैं। इस बैठक के कारण भगवंत मान ने 10 फरवरी को प्रस्तावित कैबिनेट मीटिंग को टालकर अब 13 फरवरी को आयोजित किया है।

इस बीच, पंजाब के आम आदमी पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा के हालिया बयान ने इन आशंकाओं को और प्रबल कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को वही जिम्मेदारी मिलनी चाहिए जो वह डिजर्व करता है। उन्होंने उदाहरण के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का नाम लिया, जो सिख समुदाय से थे और प्रधानमंत्री बने, बिना किसी विरोध के। अमन अरोड़ा ने पंजाब में हिंदू समुदाय की बड़ी संख्या का हवाला देते हुए यह सवाल उठाया कि यदि ऐसा हो सकता है, तो पंजाब में हिंदू को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता?

कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने यह दावा किया है कि 30 पंजाब विधायक उनके संपर्क में हैं, जिससे दिल्ली में हलचल मच गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा, लुधियाना वेस्ट से आप विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव की संभावना है, जिसमें केजरीवाल खुद उम्मीदवार हो सकते हैं। इस प्रकार, आम आदमी पार्टी की राजनीति पूरी तरह से पंजाब पर निर्भर हो सकती है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के नेताओं के बीच संघर्ष बढ़ सकता है, और कई विधायक पार्टी से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, जिनमें से 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं।

आप के सांसद मालविंदर कंग ने इस बैठक को एक रूटीन मीटिंग बताया। उनका कहना था कि केजरीवाल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं और इस तरह की बैठकें किसी भी पार्टी के लिए सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं। वहीं, पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग ने भी इसे रूटीन मीटिंग बताया और कहा कि पंजाब के विधायकों और मंत्रियों ने दिल्ली चुनाव में प्रचार किया था, इसलिए पार्टी नेताओं से फीडबैक लिया जा रहा है।

दिल्ली में हुए नुकसान की भरपाई के प्रयास के तहत अब पंजाब पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि पंजाब ही वह राज्य है जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी के लिए पंजाब में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हैं, और अभी तक उन वादों को पूरा नहीं किया जा सका है, जो उन्होंने सत्ता में आने के लिए पंजाब की जनता से किए थे। यदि पंजाब हाथ से निकलता है, तो पार्टी के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो सकता है।

देश के 14 करोड़ नागरिक खाद्य सुरक्षा से वंचित: सोनिया

कांग्रेस को मध्यावधि चुनाव की आशंका है, क्योंकि दिल्ली के नतीजों के बाद वह मान रही है कि पंजाब में भी आम आदमी पार्टी का यही हाल होगा। कांग्रेस का यह भी मानना है कि पंजाब में शराब पॉलिसी का घोटाला सामने आ सकता है, जो पहले ही केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए परेशानी का कारण बन चुका है। इसके साथ ही, पंजाब में धान खरीद में एमएसपी घोटाला भी हुआ है। केजरीवाल के हस्तक्षेप से पंजाब सरकार में टूट-फूट हो सकती है, और विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, जिससे राज्य में समय से पहले चुनाव की संभावना बढ़ सकती है।