अब शादी से पहले CIBIL स्कोर भी बना नया मानक, महाराष्ट्र में एक दूल्हे की शादी सिर्फ इस वजह से टूटी

Cibil

जब किसी लड़की के माता-पिता उसकी शादी तय करते हैं, तो सबसे पहले वे लड़के की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करते हैं। आमतौर पर, परिवार लड़के की नौकरी, वेतन और संपत्ति जैसी चीजों पर ध्यान देते हैं ताकि उनकी बेटी को एक सुरक्षित और खुशहाल जीवन मिल सके। लेकिन अब इस परंपरा में एक नया बदलाव आ रहा है—शादी से पहले दूल्हे का CIBIL स्कोर चेक किया जा रहा है!

हाल ही में महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर में एक शादी इसलिए टूट गई क्योंकि लड़के का CIBIL स्कोर कम था। लड़की के परिवार ने इस आधार पर शादी से इनकार कर दिया, जिससे यह मामला चर्चा का विषय बन गया। अब सवाल यह उठता है कि आखिर CIBIL स्कोर शादी के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया है? आइए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में विस्तार से।

CIBIL स्कोर क्या होता है और यह क्यों जरूरी है?

CIBIL (Credit Information Bureau India Limited) स्कोर एक व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री और फाइनेंशियल स्टेटस को दर्शाने वाला अंक होता है, जो 300 से 900 के बीच होता है। यह स्कोर मुख्य रूप से इस आधार पर तय किया जाता है कि व्यक्ति ने अपने पिछले ऋणों और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान समय पर किया है या नहीं।

  • 750 से 900 – अच्छा स्कोर (बैंक आसानी से लोन देते हैं)
  • 600 से 750 – औसत स्कोर (कुछ मुश्किलें आ सकती हैं)
  • 600 से नीचे – खराब स्कोर (लोन मिलने की संभावना कम)

CIBIL स्कोर आमतौर पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा लोन देने से पहले चेक किया जाता है। लेकिन अब यह शादी तय करने का भी एक नया मानक बनता जा रहा है।

कैसे टूटी महाराष्ट्र के लड़के की शादी?

महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर में दो परिवारों के बीच एक शादी की बातचीत काफी समय से चल रही थी। लड़का और लड़की एक-दूसरे को पसंद करते थे, परिवारों के बीच भी कोई मतभेद नहीं था, और शादी की तैयारियाँ जोरों पर थीं। लेकिन फिर लड़की के मामा ने एक अनोखी मांग रख दी—उन्होंने लड़के का CIBIL स्कोर चेक करने को कहा।

लड़के का CIBIL स्कोर चेक किया गया और पता चला कि उसका स्कोर बहुत कम था। वजह यह थी कि उसने कई बैंकों से लोन ले रखा था और उसकी वित्तीय स्थिति उतनी मजबूत नहीं थी।

लड़की के परिवार ने क्यों किया रिश्ता खत्म?

लड़की के मामा और बाकी परिवार को जब यह पता चला कि लड़के का CIBIL स्कोर बहुत कम है और वह पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है, तो उन्होंने शादी से इनकार कर दिया। उनका तर्क था कि यदि लड़का पहले से ही आर्थिक रूप से अस्थिर है, तो शादी के बाद उनकी बेटी का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा।

  • कम CIBIL स्कोर का मतलब – फाइनेंशियल अस्थिरता
  • लोन की भरमार – शादी के बाद आर्थिक समस्याओं की संभावना
  • भविष्य की सुरक्षा – लड़की के परिवार के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा

इसी के चलते लड़की के परिवार ने बिना देर किए यह रिश्ता तोड़ दिया।

शादी से पहले CIBIL स्कोर देखना कितना सही?

यह सवाल अब कई लोगों के मन में उठ रहा है कि क्या शादी से पहले CIBIL स्कोर चेक करना सही है? यह मुद्दा बहस का विषय बन गया है।

इसका समर्थन करने वाले क्या कहते हैं?

शादी केवल भावनाओं से नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिरता से भी जुड़ी होती है।
भविष्य में वित्तीय संकट से बचने के लिए यह एक सही कदम हो सकता है।
अगर लड़का पहले से कर्ज में डूबा हुआ है, तो शादी के बाद परेशानियाँ और बढ़ सकती हैं।

इसका विरोध करने वाले क्या कहते हैं?

CIBIL स्कोर ही सब कुछ नहीं होता, कई लोग धीरे-धीरे अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं।
शादी को व्यवसायिक सौदा बनाने से रिश्तों की खूबसूरती खत्म हो सकती है।
किसी व्यक्ति को सिर्फ उसके क्रेडिट स्कोर के आधार पर जज करना उचित नहीं है।

क्या अब यह नया ट्रेंड बनने वाला है?

यह पहली बार नहीं है जब शादी के लिए आर्थिक मानकों को ध्यान में रखा गया हो। पहले भी लड़के की नौकरी, वेतन और पारिवारिक संपत्ति को देखा जाता था। लेकिन अब CIBIL स्कोर को भी शादी के लिए एक नया मानक बनाया जा रहा है।

इस घटना के बाद कई लोग मानने लगे हैं कि आने वाले समय में और भी परिवार शादी से पहले CIBIL स्कोर चेक कर सकते हैं। खासकर शहरी क्षेत्रों में यह ट्रेंड बढ़ने की संभावना है, क्योंकि वहाँ लोग फाइनेंशियल प्लानिंग को ज्यादा महत्व देते हैं।

क्या करें अगर आपका CIBIL स्कोर कम हो?

अगर किसी का CIBIL स्कोर कम है और वह शादी या किसी फाइनेंशियल निर्णय में इसे एक बाधा बनते देखता है, तो इसे सुधारने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं:

बकाया कर्ज और क्रेडिट कार्ड बिलों का समय पर भुगतान करें।
नए लोन लेने से बचें और फिजूलखर्ची पर कंट्रोल करें।
अपने CIBIL रिपोर्ट की गलतियों को ठीक कराएं।
एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनाएँ और धीरे-धीरे स्कोर सुधारें।