दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया, जबकि भाजपा ने 68 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं और दो सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं। कांग्रेस ने भी अपने सभी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इन चुनावों में हर दल ने नए-पुराने चेहरों के माध्यम से समीकरण साधने की कोशिश की है, और महिला मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने 19 सीटों पर बदला टिकट
आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 19 सीटों पर टिकट बदले हैं और भाजपा तथा कांग्रेस से आए नेताओं को भी टिकट दिए हैं। पार्टी ने विधायक शरद चौहान को नरेला से फिर से मैदान में उतारा है। आप की मुख्य रणनीति सत्ता विरोधी लहर को रोकने और पूर्वांचली वोटरों को साधने पर रही है। पार्टी ने इस बार चुनावी रण में संजीव झा, अखिलेश पति त्रिपाठी, गोपाल राय, अनिल झा, दुर्गेश पाठक, विनय मिश्रा समेत 10 नए पूर्वांचली उम्मीदवार उतारे हैं।
भाजपा ने संगठन के पदाधिकारियों को नहीं दिया टिकट
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में संगठन के पदाधिकारियों को तरजीह दी थी, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अधिकांश संगठन पदाधिकारियों को टिकट नहीं दिया। केवल शाहदरा विधानसभा सीट से भाजपा ने अपने जिलाध्यक्ष संजय गोयल को टिकट दिया है। इसके अलावा, पार्टी ने जाट और पूर्वांचल फैक्टर को ध्यान में रखते हुए अपनी उम्मीदवारों की सूची तैयार की है।
कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं पर जताया भरोसा
कांग्रेस ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में दिल्ली में सफलता नहीं पाई थी, लेकिन इस बार पार्टी ने पुराने और वरिष्ठ नेताओं पर भरोसा जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री शीली दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस से लोकसभा चुनाव जीत चुकीं कृष्णा तीरथ इस बार पटेल नगर से चुनाव लड़ रही हैं। जयकिशन, जो पार्टी के प्रमुख दलित चेहरों में से हैं, सुल्तानपुर माजरा से उम्मीदवार हैं और एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं।
इन बदलावों और नई रणनीतियों के माध्यम से दिल्ली के चुनावी मुकाबले में सभी दल पूरी तरह से तैयार हैं।