सुनील गावस्कर का BCCI और टीम इंडिया को संदेश- टेस्ट क्रिकेट की इन कमियों को नजरअंदाज ना करें

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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम को मिली हार के 10 दिन बाद भी इस पर चर्चा जारी है। भारत ने पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद 3-1 से हार का सामना किया। इस हार के बाद बीसीसीआई ने रिव्यू मीटिंग की और टीम से जुड़े नियमों में बदलाव की संभावनाएं भी सामने आईं। इस बीच, पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि भारतीय टीम को फिर से एक मजबूत स्थिति में लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है।

गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा, “लगातार दो टेस्ट सीरीज हारने के कारण भारतीय क्रिकेट में एक नीरसता आ गई है। नई सीरीज की उम्मीद में जो उत्साह होता है, वह अब नजर नहीं आ रहा। मैदान पर जो उदासीनता थी, वह प्रशंसकों तक पहुंच गई है। भारतीय क्रिकेट को एक नई चुनौती की जरूरत है, और नए प्रशासकों के आने पर यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “इस स्थिति में पहला निर्णय यह है कि हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। अगले कुछ महीने सीमित ओवरों के क्रिकेट और आईपीएल के इर्द-गिर्द रहने वाले हैं। हमें टेस्ट क्रिकेट की कमियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, खासकर जब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू हो रही है।”

गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर की गई गलतियों को दोहराने से बचने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “टीम को इंग्लैंड में एक ग्रुप में पहुंचना चाहिए, न कि चार बैचों में। ऑस्ट्रेलिया में पहले दो दिनों तक टीम कप्तान, उप-कप्तान और कोच के बिना थी। इससे घरेलू टीम को गलत संदेश जाता है। बीसीसीआई को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो।”

उन्होंने इंग्लैंड में प्रैक्टिस मैच खेलने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। गावस्कर ने कहा, “अब जबकि भारत ने WTC फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं किया है, टीम के पास अभ्यास मैच खेलने का अवसर है। इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद हवा में स्विंग करती है और पिच पर सीम करती है। नेट पर अभ्यास करना और मैच में रन बनाना, दोनों की मानसिक तैयारी में फर्क होता है। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अभ्यास मैच बेहद महत्वपूर्ण हैं।”