लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक बयान ने बुधवार को हलचल मचा दी। कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान दिए गए भाषण में राहुल ने कहा, “हम अब बीजेपी, आरएसएस और भारतीय राज व्यवस्था से लड़ रहे हैं।” इस पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और निर्मला सीतारमण समेत कई नेताओं ने राहुल गांधी की आलोचना की। नड्डा ने कहा कि राहुल की टिप्पणी से कांग्रेस का ‘घिनौना सच’ उजागर हो गया है, जबकि अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि राहुल ने भारत राज्य के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी है।
राहुल ने कहा, “यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। अगर आप मानते हैं कि हम भाजपा और आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठनों से लड़ रहे हैं, तो आप नहीं समझ पाए हैं कि वास्तव में क्या हो रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने देश के हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है और अब यह लड़ाई केवल राजनीतिक संगठनों के खिलाफ नहीं, बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ के खिलाफ है।
बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने राहुल के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके समर्थकों के शहरी नक्सलियों और ‘डीप स्टेट’ के साथ संबंध हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा है, वह भारत को तोड़ने और समाज को विभाजित करने की दिशा में है।”
हरदीप पुरी ने राहुल की टिप्पणियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें अपनी मानसिक स्थिरता की जांच करवानी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सवाल उठाते हुए कहा, “आप संविधान की प्रति अपने हाथ में क्यों लेकर चल रहे हैं जब आप कहते हैं कि आप भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं?”
राहुल ने महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में निर्वाचन आयोग पर भी सवाल उठाए, कहकर कि आयोग मतदान करने वालों की जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार कर रहा है, जो पारदर्शिता का उल्लंघन है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाताओं का आना संदेहास्पद है।