सरकारी नौकरी को स्थिरता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कानपुर में इसके विपरीत दो मामले सामने आए हैं, जहां नौकरी ने पारिवारिक विवाद और बिखराव का कारण बनकर रिश्तों को प्रभावित किया है।
मामला 1: सरकारी टीचर बनते ही विवाहिता ने ससुराल छोड़ा, पति से मांगे 1 करोड़ रुपये
कानपुर के नौबस्ता स्थित हंसपुरम में बजरंग भदौरिया नामक व्यक्ति, जो प्राइवेट स्कूल में मैनेजर हैं, की शादी 22 फरवरी 2023 को साहिबाबाद की लक्षिता के साथ हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद, लक्षिता की दिल्ली में सरकारी टीचर के पद पर नियुक्ति हुई। नौकरी लगने के बाद लक्षिता ने ससुराल छोड़ मायके में रहने का निर्णय लिया।
बजरंग का आरोप है कि जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो ससुराल पक्ष ने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। हाल ही में, लक्षिता अपने परिजनों के साथ स्कूल पहुंची और झगड़ा करते हुए 1 करोड़ रुपये की मांग की।
मामला 2: सरकारी प्रोफेसर बनते ही पति ने की अतिरिक्त दहेज की मांग
दूसरा मामला किदवई नगर से जुड़ा है, जहां एक युवक के सरकारी प्रोफेसर बनने के बाद उसकी डिमांड बढ़ गई। युवक ने अपनी पत्नी पर 25 लाख रुपये और फॉर्च्युनर कार लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने किदवई नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच में जुटी
दोनों मामलों में पीड़ितों ने नौबस्ता और किदवई नगर थाने में शिकायतें दर्ज कराई हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला द्वारा ससुरालियों पर मारपीट और पैसों की मांग के आरोप लगाए गए हैं, जबकि दूसरे मामले में पति और ससुरालियों द्वारा दहेज मांगने की शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।