महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना यूबीटी की चुनौती: अंदरूनी आलोचना और नई दिशा की तलाश

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद, शिवसेना (यूबीटी) के सामने नए संकट उभर रहे हैं। पार्टी के भीतर नेता खुले तौर पर संगठन के कामकाज की आलोचना कर रहे हैं, जिससे पार्टी नेतृत्व के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाल ही में, पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक भास्कर जाधव ने शिवसेना (यूबीटी) की स्थिति की तुलना “कांग्रेस की हालत” से कर दी, जिससे संगठन में हड़कंप मच गया है।

विधायक भास्कर जाधव की नाराजगी

भास्कर जाधव ने सोमवार को रत्नागिरी जिले में चिपलून और आसपास के क्षेत्रों के पदाधिकारियों के साथ बैठक में पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“दुख होता है यह कहते हुए, लेकिन हमारी पार्टी की हालत कांग्रेस जैसी हो गई है। पार्टी में ऐसे पदाधिकारी और नेता हैं, जो काम नहीं करते, और उन्हें हटाने की हिम्मत किसी में नहीं है। वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों की बात सुनने वाला कोई नहीं है।”

जाधव ने यह भी सुझाव दिया कि पार्टी के पदाधिकारियों के लिए निश्चित कार्यकाल तय किया जाना चाहिए।

पार्टी में अनुशासन और पारदर्शिता की मांग

बैठक में मौजूद पूर्व सांसद विनायक राउत और उद्धव ठाकरे के करीबी संजय कदम ने भी जाधव की बातों को गंभीरता से सुना। जाधव ने कहा कि पार्टी को अपने गलत फैसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए और संगठन की मजबूती के लिए नई रणनीतियों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा,
“हमें भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अपने तरीके सुधारने होंगे। यह संगठन को मजबूत बनाएगा और आगामी चुनावों में सफलता सुनिश्चित करेगा।”

पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए समर्थन की कमी

जाधव ने पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के नेता केवल उन लोगों का पक्ष लेते हैं, जो आर्थिक रूप से योगदान करते हैं। उन्होंने कहा,
“शिवसेना आग है। इस आग को जलाए रखने के लिए हमें मेहनत करनी होगी और कभी-कभी जलते हुए कोयलों पर चलना पड़ता है।”

भाजपा के हिन्दुत्व के एजेंडे पर टिप्पणी

जाधव ने भाजपा की नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने सबसे पहले ताकतवर कांग्रेस के खिलाफ खड़े होकर हिन्दुत्व को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज भाजपा हिन्दुत्व सिखाने की कोशिश कर रही है, लेकिन पार्टी को अपने जड़ों और सिद्धांतों पर कायम रहना चाहिए।

संजय राउत का जवाब

पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भास्कर जाधव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी बातों पर विचार किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों पर ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए। राउत ने कहा,
“पार्टी को मजबूत बनाने के लिए चर्चा जरूरी है, लेकिन ऐसे समय में सभी को अपने शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए।”

शिवसेना यूबीटी के सामने भविष्य की चुनौतियां

शिवसेना (यूबीटी) को वर्तमान में कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चुनावी हार के बाद अंदरूनी कलह और नेतृत्व पर सवालों ने पार्टी की स्थिति को कमजोर किया है। इसके साथ ही, मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है। ऐसे में पार्टी को संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।