यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार:संपत्ति ब्योरा न देने वाले पुलिसकर्मियों का वेतन रुकेगा

यूपी पुलिसकर्मियों की संपत्ति ब्योरा और वेतन आदेश

उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने वाली पुलिस अब खुद एक नए नियम का पालन करने में जुटी हुई है। यूपी सरकार ने आदेश जारी किया है कि सभी पुलिसकर्मियों को अपनी संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य है। जो पुलिसकर्मी इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा।

इस आदेश के बाद राज्यभर के पुलिस विभाग में हलचल मच गई है। कई पुलिसकर्मियों ने अब तक अपनी संपत्तियों का विवरण जमा कर दिया है, जबकि कुछ अब भी इस प्रक्रिया को पूरा करने में लगे हुए हैं। आइए, जानते हैं इस आदेश की पूरी जानकारी।

क्या है यह नया आदेश?

संपत्ति ब्योरा देना क्यों जरूरी?

उत्तर प्रदेश सरकार ने यह आदेश पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से जारी किया है।

  • प्रत्येक पुलिसकर्मी को अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण देना होगा।
  • यह कदम सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पहले से तय नियमों के अनुसार है।

वेतन पर रोक का प्रावधान

जो पुलिसकर्मी समय सीमा के भीतर अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं देंगे, उनका मासिक वेतन रोक दिया जाएगा।

  • वेतन बहाल होने के लिए उन्हें ब्योरा जमा करना अनिवार्य होगा।

अब तक कितने पुलिसकर्मियों ने दिया है ब्योरा?

90% पुलिसकर्मियों ने किया अनुपालन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 90 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा जमा कर दिया है।

  • यह संख्या अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल संख्या का बड़ा हिस्सा है।
  • सरकार ने शेष 10% पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

लापरवाही करने वालों पर सख्त नजर

जो पुलिसकर्मी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन रोकने के अलावा विभागीय जांच भी शामिल हो सकती है।

क्यों उठाया गया यह कदम?

पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना

  • इस पहल का उद्देश्य पुलिस विभाग में पारदर्शिता लाना और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
  • यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी अनधिकृत संपत्तियों का मालिक न बने।

भ्रष्टाचार पर लगाम

  • सरकार का मानना है कि यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने में मदद करेगी।
  • जो पुलिसकर्मी अपनी संपत्तियों का सही विवरण नहीं देंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।

कैसे जमा करना होगा संपत्तियों का ब्योरा?

ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया

  • संपत्तियों का विवरण जमा करने के लिए पुलिसकर्मियों को एक निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी देनी होगी।
  • यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल या विभागीय कार्यालयों में की जा सकती है।

कौन-कौन सी जानकारियां देनी होंगी?

  • चल संपत्ति (जैसे बैंक बैलेंस, वाहन आदि)।
  • अचल संपत्ति (जैसे जमीन, मकान, फ्लैट)।
  • पत्नी, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों की संपत्तियों का विवरण।

समय सीमा का पालन अनिवार्य

सरकार ने पुलिसकर्मियों को एक तय समय सीमा के भीतर अपनी संपत्तियों का ब्योरा जमा करने का निर्देश दिया है।

क्या होगा यदि ब्योरा जमा नहीं किया गया?

वेतन रोकने के अलावा अन्य कार्रवाई

यदि पुलिसकर्मी इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो:

  • उनका मासिक वेतन रोक दिया जाएगा।
  • विभागीय जांच शुरू की जा सकती है।
  • भविष्य में पदोन्नति और अन्य लाभ मिलने में भी दिक्कत हो सकती है।

अनधिकृत संपत्तियों की जांच

अगर किसी पुलिसकर्मी की संपत्तियों का विवरण सही नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हो सकता है।

पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया

कर्मचारियों का समर्थन

पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस आदेश का समर्थन किया है।

  • उनका कहना है कि यह कदम विभाग में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करेगा।
  • यह सुनिश्चित करेगा कि ईमानदार पुलिसकर्मियों को कोई नुकसान न हो।

कुछ पुलिसकर्मियों की चिंता

कुछ पुलिसकर्मी इसे एक अतिरिक्त बोझ के रूप में देख रहे हैं।

  • उनका कहना है कि संपत्तियों का ब्योरा जमा करना जटिल और समय लेने वाला हो सकता है।
  • हालांकि, विभाग ने उन्हें प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मदद का आश्वासन दिया है।

सरकार की उम्मीद और संदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पहल को एक पारदर्शी प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम बताया है।

  • मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों और पुलिस बल की जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है।
  • इस प्रक्रिया के जरिए सरकार पुलिस विभाग में ईमानदारी और पारदर्शिता का उदाहरण स्थापित करना चाहती है।