सेल्फ-केयर का महत्व: क्यों जरूरी है हर दिन खुद के लिए समय निकालना?

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क्या आपने कभी सोचा है कि आप हर दिन अपने लिए कितना समय निकाल पाती हैं? ज्यादातर महिलाओं के लिए इसका जवाब होगा: “बहुत कम या शायद बिल्कुल नहीं।” हालिया अध्ययन और अनुभव बताते हैं कि महिलाएं जिम्मेदारियों के बोझ तले अक्सर अपनी जरूरतों की अनदेखी कर देती हैं।

महिलाओं और खुद की देखभाल के बीच दूरी
इंडिया स्पेंड की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शादीशुदा महिलाएं अपने समकक्ष पुरुषों की तुलना में हर दिन 85 मिनट कम खुद पर खर्च करती हैं। वहीं, महिलाएं हर सप्ताह औसतन 44 घंटे ऐसे कामों में बिताती हैं, जिनके लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं मिलता। इसके विपरीत, पुरुष इस प्रकार के कार्यों पर केवल 5 घंटे खर्च करते हैं।

महिलाएं अक्सर यह सोचती हैं कि खुद के लिए समय निकालना स्वार्थी होना है। सेल्फ-केयर को महंगी छुट्टियों या स्पा से जोड़कर देखा जाता है, जबकि इसका वास्तविक अर्थ है अपनी शारीरिक और मानसिक जरूरतों को पहचानना और उन्हें पूरा करना।

खुद की अनदेखी का असर

जिम्मेदारियों और काम के दबाव के कारण महिलाएं शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करती हैं।

  • तनाव और बीमारियां:
    तनाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे महिलाएं सर्दी-जुकाम, दिल की बीमारियां, उच्च रक्तचाप, नींद की कमी और डायबिटीज जैसी समस्याओं का शिकार हो सकती हैं।

छोटे-छोटे कदमों से सेल्फ-केयर कैसे करें?

महंगी या जटिल चीजों की बजाय, छोटे प्रयासों से आप खुद की बेहतर देखभाल कर सकती हैं।

  1. हर दिन अपने लिए समय निकालें:
    24 घंटे जिम्मेदारियों में डूबे रहना जरूरी नहीं। हर दिन कुछ पल खुद के साथ बिताएं।
  2. सपोर्टिव लोगों से बातचीत करें:
    जिनसे बातें करके आपका मन हल्का होता है, उनसे नियमित रूप से बातचीत करें।
  3. पालतू जानवरों के साथ समय बिताएं:
    यह न केवल शारीरिक सक्रियता बढ़ाएगा बल्कि मानसिक तनाव भी कम करेगा।
  4. अपनी सीमाएं तय करें:
    हर चीज के लिए “हां” कहने की आदत बदलें। अपने समय और प्राथमिकताओं का सम्मान करें।
  5. डिजिटल डिटॉक्स करें:
    स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से दूरी बनाएं। यह आपको मानसिक शांति और ऊर्जा पुनः प्राप्त करने में मदद करेगा।
  6. पसंदीदा गतिविधियां खोजें:
    कोई ऐसा काम करें जो आपको खुशी और संतोष दे, जैसे पेंटिंग, बागवानी या किताब पढ़ना।