भारतीय सेना मेंऔरतअधिकारियों को लेकर लीक हुए एक पत्र को सीधे तौर पर सेना प्रमुख ने गंभीरता से लिया है. सेना मेंऔरतअधिकारी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भी कहा है कि सशस्त्र बलों में इनकी संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. सेना में वरिष्ठ कमांडरों ने महिला नेतृत्व वाले विभागों के सामने आने वाली समस्याओं को उठाया था। लेकिन सेना प्रमुख ने उन्हें ज्यादा तवज्जो न देते हुए यह बयान दिया है. सेना प्रमुख ने यह भी साफ संदेश दिया है कि महिला अधिकारियों की बहादुरी पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
कुछ दिन पहले कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने सेना में महिलाओं की भागीदारी को लेकर एक पत्र लिखा था. पुरी ने सेना की पूर्वी सेना के कमांडरों को भेजे गए फीडबैक में महिला अधिकारियों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। पुरी ने यह पत्र आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रामचन्द्र तिवारी को लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कर्नल रैंक की महिला अधिकारियों की समझ और व्यावसायिक कौशल की कमी की ओर इशारा किया था. जनरल पुरी ने पत्र में अहंकार, लगातार शिकायत और सहानुभूति की कमी का भी जिक्र किया है. लेकिन बाद में यह पत्र लीक हो गया. इसके बाद विवाद खड़ा हो गया.
लेकिन अब सेना प्रमुख ने इस संबंध में स्पष्ट जवाब दिया है. जनरल द्विवेदी ने सेना दिवस से पहले आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कुछ महिला अधिकारी उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. लीक हुआ दस्तावेज़ लीक नहीं होना चाहिए था. इस मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सेना को सक्षम महिला अधिकारियों की जरूरत है जो कालीमाता का मॉडल हों।