दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA गठबंधन) के कई घटक दलों द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन किए जाने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस ने अब AAP के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए सीधा हमला शुरू कर दिया है। यह संकेत है कि पार्टी अब किसी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है।
केजरीवाल पर निजी हमले से कांग्रेस ने खींचे कदम
पिछले सप्ताह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल पर देशद्रोही होने का आरोप लगाने की योजना बनाई थी। हालांकि, अंतिम समय पर कांग्रेस ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी।
- क्यों लिया यह फैसला?
- कांग्रेस को डर था कि केजरीवाल पर निजी हमले से INDIA गठबंधन के अन्य घटक दल नाराज हो सकते हैं।
- नतीजा:
- कांग्रेस की यह रणनीति विफल रही, और गठबंधन के कई दलों ने खुलकर AAP का समर्थन किया।
- इसके बाद केजरीवाल ने अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा।
आम आदमी पार्टी पर वीडियो के जरिए हमला
कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव प्रचार की शुरुआत से ठीक पहले अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया।
- वीडियो में शामिल:
- राहुल गांधी के साथ AAP पर आरोप कि उन्होंने दिल्ली की जनता को झूठ बोलकर ठगा है।
- निजी हमलों से परहेज:
- कांग्रेस अब भी केजरीवाल पर व्यक्तिगत हमलों से बच रही है।
- पार्टी का लक्ष्य है कि वह ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करने पर सफाई
कांग्रेस ने अजय माकन की प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करने पर AAP द्वारा इसे कमजोरी बताने के आरोप को खारिज किया।
- कांग्रेस नेता का बयान:
“हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करना कमजोरी नहीं थी। लेकिन AAP ने इसे ऐसा दिखाने की कोशिश की। इसलिए हमें अपनी रणनीति बदलनी पड़ी।”
- पार्टी ने अब चुनावी रैलियों और प्रचार में AAP के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया है।
INDIA गठबंधन के घटक दलों ने किया AAP का समर्थन
कई घटक दलों ने दिल्ली चुनाव में AAP का खुलकर समर्थन किया है।
- समाजवादी पार्टी:
- अखिलेश यादव ने AAP को समर्थन दिया।
- तृणमूल कांग्रेस:
- ममता बनर्जी ने AAP के पक्ष में बयान दिया, जिसके लिए अरविंद केजरीवाल ने उनका सोशल मीडिया पर धन्यवाद किया।
- अन्य दल:
- अन्य गठक दल भी AAP के समर्थन में बयान दे चुके हैं।
कांग्रेस की नई रणनीति:
- आक्रामक प्रचार:
- AAP को भ्रष्टाचार और झूठे वादों के मुद्दे पर घेरना।
- निजी हमलों से परहेज:
- गठबंधन के घटक दलों की नाराजगी से बचने के लिए।
- मजबूत जनसंपर्क:
- मतदाताओं को AAP के खिलाफ जागरूक करना।