गौरतलब है कि भारत और भारत के बीच सदियों से व्यापारिक संबंध रहे हैं। इंडोनेशियाई विदेश मंत्रालय ने कहा, हम विभिन्न क्षेत्रों में इन संबंधों को गहरा करने के लिए तत्पर हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि भारत ने इंडोनेशिया से जी-20 शिखर सम्मेलन स्वीकार किया था। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी इंडोनेशियाई लोगों के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बनती जा रही है। उस समय शक्ति संतुलन की दृष्टि से भी भारत और इंडोनेशिया के बीच घनिष्ठ संबंध अपरिहार्य होते जा रहे हैं।
इससे पहले भी जब वह इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे, तब उन्होंने 2020 में दिल्ली का दौरा किया था और विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की थी.
राष्ट्रपति सुविया भारत में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि हैं। ये जानकर पाकिस्तान ने भी उन्हें अपने देश आने का न्योता दिया. लेकिन इस बात पर अनिश्चितता बनी हुई है कि क्या वे शाहबाज़ शरीफ़ सरकार का निमंत्रण स्वीकार करेंगे या नहीं।
सबसे खास बात यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी (16 करोड़ से ज्यादा) वाले और दक्षिण चीन सागर में बेहद अहम रणनीतिक स्थान वाले इस देश के राष्ट्रपति ने 26 जनवरी को मुख्य अतिथि के रूप में एक साथ भेजा है. पाकिस्तान और चीन दोनों को संकेत.