सर्वाइकल कैंसर: लक्षण और पहचान के तरीके

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सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के प्रजनन मार्ग में होने वाली एक घातक बीमारी है, जो केवल महिलाओं को प्रभावित करती है। यह कैंसर सर्विक्स, यानी गर्भाश्य को योनि से जोड़ने वाले भाग की कोशिकाओं में उत्पन्न होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे सामान्य कैंसर है। भारत में, ब्रेस्ट कैंसर के बाद यह दूसरे स्थान पर है। अक्सर महिलाएं इस बीमारी के एडवांस स्टेज में डॉक्टर के पास आती हैं, जिससे सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ता है।

डॉक्टर की राय

शैल्बी सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स (गुरुग्राम) के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राकेश कुमार शर्मा के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर 35 से 44 वर्ष की महिलाओं में होता है, और 20 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में इसके मामले कम होते हैं, लेकिन इसका जोखिम कभी भी शून्य नहीं होता।

ज्यादातर कैंसर की तरह, सर्वाइकल कैंसर में भी मेटास्टेसिस (कैंसर की कोशिकाओं का आस-पास के अंगों में फैलना) हो सकता है। यह आमतौर पर एचपीवी (ह्युमन पैपिलोमा वायरस) के कारण होता है, जो यौन संचारी संक्रमण है।

क्या आपको सर्वाइकल कैंसर है?

सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते, लेकिन कुछ संकेत हैं जिन पर ध्यान देना आवश्यक है। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  1. योनि से रक्तस्राव: यदि आपको पीरियड्स के अलावा भी असामान्य या अनियमित रक्तस्राव हो रहा है, खासतौर पर यौन संबंध बनाने के बाद या मेनोपॉज के बाद, तो यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता।
  2. श्रोणि में दर्द: अगर आप पीरियड्स के अलावा भी पेल्विस में दर्द और ऐंठन महसूस कर रही हैं, तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  3. योनि से असामान्य स्राव: प्रजनन उम्र की महिलाओं में योनि से स्राव सामान्य है, लेकिन अगर स्राव दुर्गंधित और असामान्य है, तो यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता।
  4. जल्दी थकान होना: यदि आप बिना किसी कारण के हमेशा थकान महसूस करती हैं, तो यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है।
  5. यौन संबंध के दौरान दर्द: यदि यौन संबंध के दौरान आपको बार-बार दर्द महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह एडवांस सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है।

इन लक्षणों पर ध्यान रखें और यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय पर पहचान और उपचार से स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है।