Kannauj Accident: रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग का लिंटर गिरा, चश्मदीद ने बताया हादसे का भयानक मंजर

Kannauj Accident

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शनिवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। रेलवे स्टेशन के पास एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का लिंटर गिरने से वहां काम कर रहे कई मजदूर मलबे में दब गए। घटना के समय 40 से अधिक मजदूर निर्माण कार्य में लगे हुए थे। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

क्या हुआ था हादसे के समय?

यह हादसा उस समय हुआ जब रेलवे स्टेशन की दो मंजिला इमारत का लिंटर डाला जा रहा था।

  • पहली ट्रॉली जैसे ही लिंटर के लिए मसाला लेकर ऊपर गई, अचानक पूरा लिंटर भरभराकर नीचे गिर गया।
  • चश्मदीदों के मुताबिक, घटना इतनी तेजी से घटी कि मजदूर संभल भी नहीं पाए।

चश्मदीद का आंखों देखा हाल

मजदूर महेश कुमार, जो इस हादसे के समय वहां काम कर रहे थे, ने बताया:

“हम खाना खाने के बाद काम करने गए थे। जैसे ही लिंटर पर मसाले की पहली ट्रॉली पहुंची, पूरा लिंटर नीचे आ गिरा। मेरा एक पैर ट्रॉली और दूसरा लिंटर पर था, इसलिए मेरी जान बच गई। लेकिन मेरे साथ काम कर रहे 40-50 मजदूर मलबे में दब गए।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया संज्ञान

इस दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर संज्ञान लिया है।

  • मुख्यमंत्री के निर्देश:
    • अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाएं।
    • घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
  • योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हादसे में घायल मजदूरों को हर संभव मदद दी जाए।

राहत और बचाव कार्य की स्थिति

  • अभी तक 23 मजदूरों को मलबे से निकाला जा चुका है।
  • इनमें से 3 मजदूरों की हालत गंभीर है।
  • रेलवे, पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य जारी है।

रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण बन रहा हादसे की वजह

यह हादसा रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण कार्य के दौरान हुआ।

  • निर्माणाधीन इमारत के लिंटर गिरने से निर्माण कार्य में लापरवाही की आशंका भी जताई जा रही है।
  • जांच के बाद ही यह साफ होगा कि हादसे की वजह निर्माण सामग्री की गुणवत्ता थी या काम के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी।

घटना के बाद की स्थिति

  • हादसे के कारण क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल है।
  • घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि बचाव कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल नहीं लिया जाता।