महाकुंभ 2025: इस बार झूमने को रहिए तैयार, प्रयागराज में परफॉर्म करेगा दुनिया भर में मशहूर जबलपुर का ब्रॉस बैंड

Mhakhumbh

Prayagraj Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 27 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। हिंदुओं की आस्था और भक्ति का यह महापर्व इस बार और भी खास होने वाला है।

महाकुंभ में जहां आध्यात्मिकता और भक्ति का संगम देखने को मिलेगा, वहीं इस बार एक ऐसी नई रौनक भी होगी जो श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर देगी। जबलपुर का विश्वप्रसिद्ध ब्रॉस बैंड, जो अमेरिका, लंदन और सिंगापुर जैसे देशों में परफॉर्म कर चुका है, इस बार प्रयागराज में महाकुंभ की शोभा बढ़ाने पहुंचा है।

महाकुंभ 2025 में झूमने को हो जाइए तैयार

इस बार का महाकुंभ सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी यादगार बनने वाला है।

  • जबलपुर का यह ब्रॉस बैंड कोई आम बैंड नहीं है, बल्कि यह कई देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुका है।
  • बैंड में कुल 80 सदस्य शामिल हैं, जो महाकुंभ में अपनी विशेष प्रस्तुति देने के लिए पिछले 60 दिनों से रिहर्सल कर रहे हैं।
  • इस बैंड ने पहले भी कई कुंभ मेलों में अपनी शानदार प्रस्तुति दी है।
  • इसके अलावा, इस बैंड की परफॉर्मेंस को अमेरिका, लंदन और सिंगापुर जैसे देशों में सराहा जा चुका है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं को जहां गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं जबलपुर का यह बैंड इस आयोजन को संगीतमय और यादगार बना देगा।

महाकुंभ 2025: दो दिन बाद शुरू होगा आस्था का महापर्व

महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी 2025 को होगा, और पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी 2025 को होगा।

  • इस बार के महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
  • महाकुंभ का समापन 27 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा।

महाकुंभ हर 12 साल में चार प्रमुख स्थानों – प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक – में आयोजित किया जाता है। यह आयोजन न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर अपनी अद्भुत भक्ति, संस्कृति, और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है।

महाकुंभ की विशेषताएं इस बार और भी खास

  1. भव्य आयोजन और सुरक्षा इंतजाम:
    श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। सुगम यातायात, चिकित्सा सेवाएं, और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  2. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन:
    इस बार के महाकुंभ में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। जबलपुर का ब्रॉस बैंड इसमें मुख्य आकर्षण रहेगा।
  3. प्रयागराज का आध्यात्मिक माहौल:
    महाकुंभ के दौरान प्रयागराज का हर कोना भक्ति और आस्था से सराबोर होगा। गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर स्नान का विशेष महत्व है।

महाकुंभ के महत्व पर एक नजर

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और भव्य आयोजन है। यह हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है।

  • धार्मिक महत्व:
    महाकुंभ में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति का विश्वास है।
  • सांस्कृतिक संगम:
    यह आयोजन भारत की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।