बांग्लादेश सरकार ने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर गंभीरता दिखाने के बजाय इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। एक पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि अधिकतर घटनाएं सांप्रदायिक नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित थीं। सरकार ने हिंसा की शिकायतों को प्राथमिकता से निपटाने और अल्पसंख्यक समुदाय से संपर्क बनाए रखने के लिए वॉट्सऐप नंबर जारी किया है।
अल्पसंख्यकों पर हमले और पुलिस रिपोर्ट
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अनुसार,
- 5 अगस्त 2024 से 8 जनवरी 2025 तक 2,010 घटनाएं सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ी थीं।
- इनमें से 1,769 घटनाएं तोड़फोड़ और हमलों की थीं।
- पुलिस ने इन मामलों में अब तक 62 प्राथमिकी दर्ज की और 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
हालांकि, सरकार का दावा है कि:
- 1,234 घटनाएं राजनीतिक प्रकृति की थीं।
- 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं।
- 161 शिकायतें झूठी या फर्जी पाई गईं।
पांच अगस्त का दिन सबसे ज्यादा हिंसा भरा
रिपोर्ट के अनुसार,
- 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद सबसे ज्यादा 1,452 घटनाएं दर्ज की गईं।
- 4 अगस्त को 65 घटनाएं और 6 अगस्त को 70 घटनाएं हुईं।
पुलिस की कार्रवाई और वॉट्सऐप नंबर जारी
पुलिस ने परिषद के दावों की गहन जांच की और हिंसा का सामना करने वाले हर व्यक्ति और प्रभावित क्षेत्रों से संपर्क किया।
- 5 अगस्त 2024 से 8 जनवरी 2025 तक सांप्रदायिक हिंसा की 134 शिकायतें दर्ज की गईं।
- पुलिस ने 53 मामले दर्ज किए और 65 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- शिकायतों को सीधे दर्ज करने और अल्पसंख्यक समुदाय के संपर्क में रहने के लिए एक वॉट्सऐप नंबर जारी किया गया है।
सरकार का दावा: कड़ी कार्रवाई और मुआवजे का वादा
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि:
- देश में सांप्रदायिक हमलों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।
- आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
भारत ने जताई चिंता
पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। धार्मिक स्थलों और घरों में तोड़फोड़, आगजनी, और हिंसा की घटनाओं पर भारत ने गहरी चिंता जाहिर की है।