ISRO का SpaDeX मिशन: भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में रचने जा रहा है इतिहास

Pslv C60 Carrying Spadex And Its

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपनी एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर अग्रसर है। SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन के तहत ISRO रविवार को दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक डॉक करने की तैयारी में है। यदि यह प्रयास सफल होता है, तो भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

SpaDeX मिशन का वर्तमान चरण

शनिवार शाम को चेजर और टारगेट नामक दो छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में 15 मीटर की दूरी पर लाया गया। इन्हें प्रारंभिक जांच के लिए अस्थायी रूप से लॉक कर दिया गया है। ISRO अधिकारियों के मुताबिक, अंतिम डॉकिंग प्रक्रिया रविवार को की जा सकती है।

  • शुक्रवार की स्थिति: उपग्रहों के बीच की दूरी 1.5 किलोमीटर थी।
  • शनिवार की प्रगति: दूरी घटाकर 15 मीटर की गई और उन्हें लॉक किया गया।
  • रविवार का लक्ष्य: उपग्रहों को पूरी तरह से डॉक करना।

ISRO का आधिकारिक बयान

ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा:

“सभी सेंसरों का मूल्यांकन किया जा रहा है। अंतरिक्ष यान की स्थिति सामान्य है।”

हालांकि, डॉकिंग प्रक्रिया की सटीक तारीख और समय के बारे में अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

SpaDeX मिशन: एक झलक

SpaDeX मिशन को 30 दिसंबर को पीएसएलवी (PSLV) रॉकेट के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। यह मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यानों की मदद से अंतरिक्ष में डॉकिंग करने की एक किफायती और तकनीकी क्षमता का परीक्षण है।

  • प्रमुख उद्देश्य:
    1. अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को सटीकता से डॉक करना।
    2. भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष अभियानों के लिए इस तकनीक का विकास।

इससे पहले 7 और 9 जनवरी को घोषित समय सीमा पर डॉकिंग प्रयोग पूरे नहीं हो सके थे।

भारत के लिए डॉकिंग तकनीक का महत्व

SpaDeX मिशन भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाई देने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह तकनीक कई बड़े मिशनों के लिए अनिवार्य है, जैसे:

  • चंद्रमा मिशन: चंद्रमा पर और उससे वापस नमूने लाने की योजना।
  • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन: स्वदेशी भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का निर्माण और संचालन।
  • दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों की योजना: अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मानव उपस्थिति सुनिश्चित करना।

भारत की वैश्विक स्थिति

यदि SpaDeX मिशन सफल होता है, तो भारत अमेरिका, रूस, और चीन के बाद अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में विशेषज्ञता हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

SpaDeX मिशन की संभावनाएं

यह मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष तकनीक में प्रगति का प्रमाण है, बल्कि यह वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा। SpaDeX जैसे प्रयोग भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और अन्य मानवयुक्त मिशनों की नींव रखने में सहायक होंगे।