भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपने क्षेत्र में सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहता है। लेकिन घंटों लैपटॉप पर झुककर काम करना या गलत पॉश्चर में बैठना अक्सर गर्दन और पीठ दर्द का कारण बनता है। अगर इस दर्द को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर समस्या में बदल सकता है। ऐसे में योग आपकी मदद कर सकता है। नियमित योग अभ्यास से न केवल दर्द से राहत मिलती है, बल्कि शरीर को लचीलापन और मजबूती भी मिलती है। यहां बताए गए 3 योगासन गर्दन और पीठ के दर्द से राहत दिलाने में बेहद प्रभावी हैं।
1. भुजंगासन (कोबरा पोज)
लाभ:
- कमर की अकड़न को दूर करता है।
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और लचीलापन बढ़ाता है।
अभ्यास विधि:
- पेट के बल सीधा लेट जाएं।
- हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और उंगलियों को फैलाएं।
- गहरी सांस लेते हुए छाती को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
- कुछ समय इसी अवस्था में रुकें और सामान्य सांस लें।
- धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
2. मंडूकासन (मेंढक मुद्रा)
लाभ:
- पीठ और कूल्हों में लचीलापन लाता है।
- छाती और कंधों को खोलता है।
अभ्यास विधि:
- वज्रासन में बैठें और अपनी मुठ्ठियों को बंद करके अंगूठों को बाहर की ओर रखें।
- मुठ्ठियों को नाभि के पास लाएं।
- गहरी सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें और धीरे-धीरे आगे झुकें।
- छाती को जांघों से छूने की कोशिश करें।
- कुछ सेकंड इस मुद्रा में रुकें और फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौटें।
3. ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)
लाभ:
- शरीर के पोस्चर में सुधार करता है।
- जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत बनाता है।
अभ्यास विधि:
- सीधे खड़े हों और दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
- हथेलियों को आपस में जोड़ें।
- एड़ियों को उठाते हुए पूरे शरीर को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें।
- संतुलन बनाए रखते हुए कुछ देर इसी अवस्था में रहें।
- सामान्य स्थिति में लौटें और इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं।