बिहार में बिछेंगी 4 नई रेल लाइनें, बनेंगे 10 नए स्टेशन, यात्रा होगी आसान और तेज

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बिहार में रेल यातायात को मजबूत करने के लिए कई नई परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। 4 नई रेल लाइनें और 10 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी को नई दिशा मिलेगी। इन परियोजनाओं से यात्रियों को समय की बचत होगी, ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी, और मालगाड़ियों के संचालन में भी सुधार होगा।

प्रस्तावित रेल परियोजनाएं

बिहार में जिन चार प्रमुख रेल लाइनों का निर्माण प्रस्तावित है, वे हैं:

  1. मुजफ्फरपुर-दरभंगा नई रेल लाइन
  2. जमालपुर-भागलपुर नई रेल लाइन
  3. गया-डाल्टनगंज नई रेल लाइन
  4. गया-गढ़ना बाइपास रेल लाइन

मुजफ्फरपुर-दरभंगा रेल लाइन: यात्रा होगी तेज और सुविधाजनक

  • लंबाई: 67.7 किलोमीटर।
  • लागत: 2514 करोड़ रुपये।
  • निर्माण की विशेषताएं:
    • 10 नए रेलवे स्टेशन।
    • 6 रेलवे ब्रिज और 27 क्रॉसिंग।
  • यात्रा में समय की बचत:
    • मुजफ्फरपुर से दरभंगा की दूरी 24 किलोमीटर कम हो जाएगी।
    • नया मार्ग बनने से यात्रा का समय 2 घंटे से घटकर डेढ़ घंटे रह जाएगा।
  • नए स्टेशन:
    लोहियासराय, डिलाही, कोहहंटा, पटोरी, माधोपुर, पंडौल, घोसहमा, विद्यारोज, सितौल, नारायणपुर।
  • महत्व:
    यह परियोजना राज्य के लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगी, जिससे दैनिक यात्रियों और व्यापारियों दोनों को फायदा होगा।

जमालपुर-भागलपुर रेल लाइन: मालगाड़ियों के संचालन में सुधार

  • लंबाई: 53 किलोमीटर।
  • लागत: 1094 करोड़ रुपये।
  • निर्माण की विशेषताएं:
    • नई सुरंग का निर्माण।
    • दोहरी लाइन को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
  • फायदे:
    • ट्रेन संचालन तेज होगा।
    • मालगाड़ियों की लोडिंग-अनलोडिंग की समस्या खत्म होगी।
    • ट्रेनों की गति और माल परिवहन में सुधार होगा।

गया-डाल्टनगंज रेल लाइन: नया मार्ग व्यापार को देगा बढ़ावा

  • लंबाई और लागत:
    गया से डाल्टनगंज और बांके बाजार होते हुए इमामगंज तक नई रेल लाइन बनाई जाएगी, जिस पर 426 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  • महत्व:
    • नई लाइन से क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
    • ट्रेनों की संख्या और परिचालन में सुधार होगा।

गया-गढ़ना बाइपास रेल लाइन: दूरी होगी कम

  • लंबाई: 10 किलोमीटर।
  • लागत: 224 करोड़ रुपये।
  • निर्माण की विशेषताएं:
    • चिरैला-पौथू और बगहा-बिशुनपुर के बीच बाइपास बनाया जाएगा।
  • फायदे:
    • गया और गढ़ना के बीच यात्रा तेज होगी।
    • ट्रेनें सोननगर स्टेशन पर बिना रुके सीधे बाइपास से गुजरेंगी।

रेलवे परियोजनाओं से होने वाले फायदे

  1. यात्रा में समय की बचत:
    • नई रेल लाइनों से दूरी कम होगी और ट्रेनों की गति बढ़ेगी।
  2. मालगाड़ियों का संचालन सुचारू:
    • मालगाड़ियों के लिए अलग ट्रैक होने से यात्री ट्रेनों का समय प्रभावित नहीं होगा।
  3. रेलवे का राजस्व बढ़ेगा:
    • अधिक ट्रेनों के संचालन से रेलवे को आर्थिक लाभ होगा।
  4. व्यापार और उद्योग को बढ़ावा:
    • बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
  5. यात्रियों की संख्या में वृद्धि:
    • नई रेल लाइनों और स्टेशन से यात्रा करना और अधिक सुविधाजनक होगा।