Railway: देश की इकलौती ट्रेन जिसमें नहीं आता टीटी, बिना टिकट कर सकते हैं सफर

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भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है। हर दिन 13,000 से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं, जो करीब 2 करोड़ 31 लाख यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी ट्रेन भी है जिसमें सफर करने के लिए टिकट खरीदने की जरूरत नहीं है? यह ट्रेन पिछले 75 वर्षों से यात्रियों को मुफ्त सेवा दे रही है और इसमें कोई टीटी भी नहीं आता।

यह है भाखड़ा-नांगल ट्रेन

भाखड़ा-नांगल ट्रेन देश की इकलौती ऐसी ट्रेन है जो पूरी तरह मुफ्त है। यह ट्रेन पंजाब के नांगल और हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा के बीच केवल 13 किलोमीटर की दूरी तय करती है।

  • रूट की खासियत:
    • यह ट्रेन सतलुज नदी और शिवालिक पहाड़ियों के सुंदर नजारों के बीच से गुजरती है।
    • यह यात्रा 5 स्टेशनों पर रुकती है।
  • इतिहास:
    • यह ट्रेन 1948 में शुरू हुई और मूल रूप से भाखड़ा-नांगल बांध के निर्माण के लिए मजदूरों और सामग्री को लाने-ले जाने के लिए चलाई गई थी।
    • आज यह ट्रेन गांवों को जोड़ने और यात्रियों को मुफ्त में सफर कराने के लिए चलाई जाती है।

डैम निर्माण के दौरान बनी रेल लाइन

भाखड़ा-नांगल बांध का निर्माण भारत के सबसे ऊंचे बांधों में से एक के रूप में हुआ था।

  • रेल लाइन की आवश्यकता:
    • भारी मशीनरी, लोहा, और पत्थर जैसे सामान को ले जाने के लिए इस रेल ट्रैक का निर्माण किया गया।
    • डैम निर्माण के बाद इस ट्रेन को ग्रामीण परिवहन के लिए जारी रखा गया।
  • यात्रा मुफ्त क्यों है?
    • भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) इस ट्रेन का संचालन करता है।
    • BBMB ने परिचालन लागत के बावजूद इसे मुफ्त रखने का फैसला किया ताकि इसकी विरासत को सम्मान दिया जा सके।

इस ट्रेन की अनोखी विशेषताएं

  1. कोई टिकट नहीं, कोई टीटी नहीं:
    इस ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को टिकट खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती, और इसलिए टीटी की भी आवश्यकता नहीं होती।
  2. ऐतिहासिक इंजन और कोच:
    • ट्रेन के कोच कराची में बने थे।
    • सीटें ब्रिटिश काल की लकड़ियों से बनी हैं।
  3. पुराने इंजन का उपयोग:
    • ट्रेन को आज भी 60 साल पुराने डीजल इंजन खींचते हैं, जो 1953 में अमेरिका से आयात किए गए थे।

दैनिक संचालन और समय सारणी

यह ट्रेन रोजाना 800 से अधिक यात्रियों को सफर कराती है।

  • सुबह की यात्रा:
    • सुबह 7:05 बजे नांगल रेलवे स्टेशन से रवाना।
    • सुबह 8:20 बजे भाखड़ा पहुंचती है।
  • वापसी यात्रा:
    • दोपहर 3:05 बजे नांगल से रवाना।
    • शाम 4:20 बजे भाखड़ा रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है।

भाखड़ा-नांगल ट्रेन का महत्व

  1. पर्यटन को बढ़ावा:
    • यह ट्रेन यात्रियों को भाखड़ा-नांगल बांध और शिवालिक पहाड़ियों के खूबसूरत नजारों का अनुभव कराती है।
    • देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस ट्रेन का सफर करना पसंद करते हैं।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों की सेवा:
    • यह ट्रेन आसपास के गांवों को जोड़ती है और ग्रामीणों को मुफ्त परिवहन की सुविधा देती है।
  3. विरासत का सम्मान:
    • यह ट्रेन न केवल परिवहन का साधन है, बल्कि भारत की औद्योगिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

बॉलीवुड कनेक्शन

भाखड़ा-नांगल ट्रेन को बॉलीवुड की सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्म चलता पुर्जा में दिखाया गया है। फिल्म में इस ट्रेन की झलक ने इसे और भी प्रसिद्ध बना दिया।