बीसीसीआई ने पुलिस बकाया फीस चुकाने का वादा, बॉम्बे हाईकोर्ट को दिया आश्वासन

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार, 10 जनवरी 2025, को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के दौरान पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुंबई, पिंपरी चिंचवाड़ और नवी मुंबई पुलिस को बकाया फीस का भुगतान दो सप्ताह के भीतर कर देगा।

याचिका का संदर्भ

बीसीसीआई की यह प्रतिक्रिया एक जनहित याचिका (पीआईएल) के तहत आई, जिसे आरटीआई कार्यकर्ता अनिल वेदव्यास गलगली ने अगस्त 2024 में दायर किया था।

  • याचिका में महाराष्ट्र सरकार के 2011 से आईपीएल टी20 क्रिकेट मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क कम करने और बकाया माफ करने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
  • उच्च न्यायालय ने अगस्त 2024 में महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की आलोचना की थी।

बकाया राशि और भुगतान का वादा

बीसीसीआई ने एक हलफनामे में बकाया राशि का विवरण दिया और भुगतान का आश्वासन दिया:

  • पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस: ₹1.7 करोड़
  • नवी मुंबई पुलिस: ₹3.3 करोड़
  • मुंबई पुलिस: ₹1.03 करोड़

बीसीसीआई ने कहा:

“हमारा इरादा बकाया राशि का भुगतान न करने का नहीं है। खातों का समाधान होते ही 90 दिनों के भीतर सभी विवादित राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।”

याचिका में आरोप और सरकारी फैसले

याचिका में कहा गया है:

  1. मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) का बकाया:
    • 2013 से 2018 के बीच वानखेड़े और ब्रेबोर्न स्टेडियम में आईपीएल मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा पर ₹14.82 करोड़ का बकाया।
    • मुंबई पुलिस ने यह राशि वसूलने के लिए एमसीए को 35 बार अनुस्मारक पत्र भेजे।
    • पिछले 8 वर्षों में एमसीए ने केवल ₹1.40 करोड़ का भुगतान किया है।
  2. सरकारी सुरक्षा शुल्क में कटौती:
    • 2017 और 2018 में जारी सरकारी संकल्पों (जीआर) के तहत, आयोजकों को प्रत्येक टी20 मैच के लिए ₹66 लाख से ₹75 लाख और टेस्ट मैच के लिए ₹55 लाख का भुगतान करना था।
    • 26 जून 2023 को महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा शुल्क ₹25 लाख से घटाकर ₹10 लाख कर दिया और बकाया माफ कर दिया।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस फैसले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

बीसीसीआई का पक्ष

बीसीसीआई ने कोर्ट से कहा कि:

  • पुलिस सुरक्षा शुल्क का निर्धारण सरकार का निर्णय है।
  • याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
  • बीसीसीआई केवल आईपीएल के क्वालीफायर, एलिमिनेटर, फाइनल, महिला प्रीमियर लीग मैच और विशेष परिस्थितियों में आयोजित मैचों के लिए देयता वहन करता है।

सरकार का बयान

नवंबर 2024 में, महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा:

  • क्रिकेट मैचों के आयोजन का निर्णय राज्य के वित्तीय लाभ को ध्यान में रखकर लिया गया।
  • सुरक्षा शुल्क में कमी का उद्देश्य आयोजकों को सहूलियत देना था।

आगे की सुनवाई

इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को होगी।