एग्जाम का समय बच्चों और पेरेंट्स दोनों के लिए ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बच्चों पर अच्छे मार्क्स लाने का दबाव उन्हें घबराहट और तनाव का शिकार बना सकता है। कई बार यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि बच्चे एग्जाम फोबिया का सामना करने लगते हैं। बच्चों के मूड में बदलाव, नींद का खराब पैटर्न या भूख में कमी जैसे लक्षण दिखाई देना आम है। ऐसे समय में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे बच्चों को सकारात्मक माहौल दें और उनकी तैयारी में सही तरीके से मदद करें। यहां कुछ आसान टिप्स दिए गए हैं, जो पेरेंट्स को इस स्थिति से निपटने में मदद करेंगे।
1. बच्चों की बात ध्यान से सुनें
एग्जाम के समय बच्चे अक्सर अपनी चिंताओं और डर को व्यक्त नहीं कर पाते हैं।
- क्या करें?
- बच्चे के साथ बैठें और उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश करें।
- उनसे बिना आलोचना किए बात करें।
- उनकी बातें सुनने के बाद हल्के सुझाव दें, लेकिन अपनी बात उन पर न थोपें।
- फायदा:
- जब बच्चे को लगेगा कि आप उनकी परेशानी समझ रहे हैं, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और स्ट्रेस कम होगा।
2. पढ़ाई के लिए सही माहौल बनाएं
बच्चों के लिए पढ़ाई का माहौल बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- क्या करें?
- घर में एक शांत और आरामदायक कोना पढ़ाई के लिए निर्धारित करें।
- उस जगह से स्मार्टफोन, वीडियो गेम और अन्य ध्यान भटकाने वाली चीजों को हटा दें।
- कमरे में पर्याप्त रोशनी और वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
- एक आरामदायक कुर्सी और टेबल का प्रबंध करें।
- फायदा:
- सही माहौल से बच्चे का ध्यान भटकेगा नहीं और वे ज्यादा फोकस्ड रहेंगे।
3. गोल सेट करने में मदद करें
बच्चों को पढ़ाई के छोटे-छोटे लक्ष्य तय करने में मदद करें।
- कैसे करें?
- बच्चे के साथ बैठकर उनके विषयों के अनुसार एक स्टडी प्लान बनाएं।
- हर दिन के लिए छोटे और हासिल करने योग्य गोल्स तय करें।
- बड़े सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर पढ़ाई करवाएं।
- फायदा:
- लक्ष्य पूरा करने पर बच्चों को आत्मसंतोष और मोटिवेशन मिलेगा।
4. बच्चों पर दबाव न बनाएं
एग्जाम के समय बच्चों को जरूरत से ज्यादा प्रेशर देना खतरनाक हो सकता है।
- क्या न करें?
- हर समय बच्चों से पढ़ाई के बारे में सवाल न पूछें।
- बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से न करें।
- बार-बार “अच्छे नंबर लाने हैं” जैसी बातें कहने से बचें।
- फायदा:
- दबाव कम होने से बच्चे बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
5. बच्चों को ब्रेक लेने दें
पढ़ाई के दौरान बच्चों को बीच-बीच में छोटे ब्रेक लेने की सलाह दें।
- कैसे करें?
- हर घंटे की पढ़ाई के बाद 10-15 मिनट का ब्रेक लेने को कहें।
- इस दौरान उन्हें हल्की एक्सरसाइज करने, ताजी हवा में टहलने या पसंदीदा म्यूजिक सुनने दें।
- फायदा:
- ब्रेक से उनका दिमाग तरोताजा रहेगा और वे ज्यादा फोकस के साथ पढ़ाई कर पाएंगे।
6. हेल्दी डाइट का ध्यान रखें
स्ट्रेस और थकान को कम करने के लिए बच्चों को पौष्टिक आहार दें।
- क्या शामिल करें?
- फल, सब्जियां, नट्स, दही और हेल्दी स्नैक्स।
- कैफीन और ज्यादा मीठे पदार्थ से बचें।
- फायदा:
- सही डाइट से बच्चे का ऊर्जा स्तर बना रहेगा और दिमाग बेहतर तरीके से काम करेगा।
7. मोटिवेशनल बातें करें
बच्चों को पॉजिटिव सोचने के लिए प्रेरित करें।
- क्या करें?
- उनके प्रयासों की सराहना करें, भले ही रिजल्ट कैसा भी हो।
- उन्हें याद दिलाएं कि एक एग्जाम उनकी पूरी जिंदगी को परिभाषित नहीं करता।
- फायदा:
- मोटिवेशन से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे।